बजट से क्या है जनता की अपेक्षाएं
-इंटरनेट डेस्क- नरेंद्र मोदी सरकार अपना पहला बजट जुलाई महीने में पेश करेगी. संसद का बजट सत्र सात जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 14 अगस्त तक चलेगा. मोदी सरकार का पहला रेल बजट आठ जुलाई को आम बजट 10 जुलाई को पेश किया जायेगा. सात जुलाई से संसद का बजट सत्र, आठ को […]
-इंटरनेट डेस्क-
नरेंद्र मोदी सरकार अपना पहला बजट जुलाई महीने में पेश करेगी. संसद का बजट सत्र सात जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 14 अगस्त तक चलेगा. मोदी सरकार का पहला रेल बजट आठ जुलाई को आम बजट 10 जुलाई को पेश किया जायेगा.
सात जुलाई से संसद का बजट सत्र, आठ को रेल व 10 को आम बजट
चूंकि मोदी सरकार का गठन आम जनता ने काफी उम्मीदों के साथ किया है, अत: उसे मोदी सरकार से काफी उम्मीदें भी हैं. हालांकि बजट से पहले ही सरकार की ओर से यह संकेत दिये जा रहे हैं कि वह लोक-लुभावन घोषणाओं को बजट में जगह नहीं देगी. रेल किराया में 14.2 प्रतिशत की वृद्धि करके सरकार ने कड़े कदम को हरी झंडी दिखा दी है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या आगामी बजट जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा?
16वीं लोकसभा के चुनाव में मतदाताओं ने महंगाई से तंग आकर मनमोहन सिंह के खिलाफ वोट किया. खाद्य पदार्थों की कीमत इस कदर आसमान छू रही थी कि वह आदमी के पहुंच से बाहर हो गयी थी. ऐसे में मनमोहन सरकार का उदासीन रवैया उन्हें रास नहीं आ रहा था.
ऐसे में भाजपा ने जब उन्हें महंगाई से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया, तो मतदाता सहज ही भाजपा के मुखापेक्षी हो गये. परिणाम भाजपा की सरकार स्पष्ट बहुमत से बनी. यह सही है कि भाजपा की जीत में कई फैक्टर हैं,लेकिन महंगाई भी एक अहम मुद्दा था. लेकिन वर्तमान परिदृश्य में यह कहना मुश्किल है कि महंगाई घट सकती है.
रेल किराया में बढ़ोत्तरी करके इस बात को सरकार ने पुख्ता भी कर दिया है. उधर पूरे विश्व में इराक संकट को लेकर चिंता का माहौल बना हुआ है, अगर यह संकट ज्यादा दिनों तक चलता है, तो पेट्रोलियम उत्पादों के दाम भी बढ़ सकते हैं.
वहीं आज खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने स्पष्ट किया कि सरकार ने चीनी के निर्यात पर सब्सिडी देने और आयात पर शुल्क बढ़ाने का निर्णय किया है, जिससे चीनी के मूल्य में दो से तीन रुपये की बढ़ोत्तरी हो सकती है. सब्जी और खाद्य पदार्थों की कीमत भी लगातार बढ़ रही है. मौसम विभाग ने यह सूचना भी दे दी है कि इस बार मॉनसून कमजोर रहेगा. ऐसे में महंगाई से मुक्ति की संभावना न के बराबर है.
बजट से आम जनता की उम्मीदें
आम जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी उम्मीदें हैं. इसलिए वह आशा कर रही है कि बजट में निश्चिय ही कुछ ऐसा होगा जो उनके लिए लाभकारी होगा. जनता यह चाहती है कि महंगाई का बोझ सरकार कम करे. इसके साथ ही आम जनता को यह उम्मीदें भी हैं कि सरकार उनके लिए आवास की व्यवस्था करेगी और अपने वादे को पूरा करेगी.
आम जनता को यह आस भी है कि सरकार इनकम टैक्स के स्लैब को बढायेगी, अगर सरकार ने यह किया, तो काफी लोगों को राहत मिलेगी. युवा मतदाता जिन्होंने अच्छे दिन के आस में मोदी को अपना मत दिया है, वे यह चाहते हैं कि सरकार रोजगार के नये अवसर क्रियेट करे, ताकि बेरोजगारी की समस्या दूर हो. आम जनता की चाहते तो कई हैं, लेकिन अब देखना यह है कि सरकार कैसे उनकी कसौटियों पर खरी उतरती है.
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