बीजिंग : चीन का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) 2018 में बढ़ा है, लेकिन सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश के आयात और निर्यात में दिसंबर में गिरावट दर्ज की गयी है. इसकी वजह से दोनों देशों के बीच लंबे समय से व्यापार संबंधी तनाव बना रहना है, जिसका असर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की सेहत पर पड़ना शुरू हो गया है.
इसे भी पढ़ें : Trade War : अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर फिर लगाया आयात शुल्क, चीन ने भी जवाब देने के लिए कसी कमर
अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष बढ़ना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सरकार के भीतर पहले से ही गुस्से का एक बड़ा कारण है. ट्रंप ने चीन के अरबों डॉलर के निर्यात पर शुल्क लगाया है और आगे इसे और बढ़ाने की चेतावनी भी दी है.
सीमाशुल्क के आंकड़े दिखाते हैं कि शुल्क लगाये जाने के बावजूद चीन से अमेरिका को किया जाने वाला निर्यात 11.3 फीसदी जबकि वहां से होने वाला आयात 0.7 फीसदी बढ़ा है. इससे चीन का व्यापार अधिशेष बढ़कर 323.3 अरब डॉलर हो गया, जो 2017 में 275.8 अरब डॉलर था.
हालांकि, आंकड़े दिखाते हैं कि अमेरिका के शुल्क लगाये जाने का असर चीन के निर्यात पर पड़ा है. दिसंबर में चीन का अमेरिका को होने वाला निर्यात घटा है. पिछले हफ्ते ही बीजिंग में अमेरिका के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने व्यापार तनावों को कम करने की दिशा में पहली बैठक की थी. उसके बाद यह आंकड़े जारी किये गये हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दिसंबर में व्यापार संबंधों से जुड़े मुद्दों का समाधान 90 दिन के भीतर करने पर सहमति जतायी थी. ट्रंप चाहते हैं कि चीन अमेरिका से ज्यादा आयात करे, विदेशी कंपनियों को अपने यहां आने की इजाजत और संरक्षण दे, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार अंतर को कम किया जा सके.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.