मुंबई : पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिंदबरम ने शनिवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसके कार्यकाल में भारतीय रिजर्व बैंक के दो-दो गवर्नरों को ‘अपमानित’ किया गया और उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. चिदंबरम ने मुंबई के उपनगर बांद्रा में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था : अवसर और चुनौतियां’ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि कभी भी आरबीआई के दो लगातार गवर्नरों को अपमानित करके उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया गया.
इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय प्रोफेशनल कांग्रेस ने किया था. उन्होंने इस संदर्भ में रघुराम राजन या उर्जित पटेल का नाम नहीं लिया, लेकिन जाहिरा तौर पर उनका इशारा उन्हीं की तरफ था. समझा जाता है कि मोदी सरकार ने राजन को दूसरा कार्यकाल देने से मना कर दिया था. राजन सितंबर, 2016 में अपना तीन साल का कार्यकाल खत्म कर चले गये थे. उनके स्थान पर पटेल ने आरबीआई के गवर्नर का पद संभाला था. पिछले साल 10 दिसंबर में पटेल ने भी अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस पद से इस्तीफा दे दिया था.
चिदंबरम ने कृषि नीतियों को लेकर भी भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) विफल रहा है. कृषि उपज की सरकारी खरीद की कोई व्यवस्था नहीं है. एक राष्ट्र के तौर पर हमें अपने किसानों के लिए कम से कम उतनी आय की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए कि वे कृषि क्षेत्र में बने रहें. चिदंबरम ने कहा कि मेरा मानना है कि देश की आबादी में नीचे के 40 फीसदी सर्वसाधारण को एक निश्चित आय दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से ईंधन कीमतों के मुद्दे को भी ठीक से नहीं संभाला गया. उन्होंने कहा कि मुद्रा ऋण से भी रोजगार के अवसर नहीं बढ़े हैं, बल्कि इससे फंसे ऋणों में ही बढ़ोतरी हुई है.
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