नयी दिल्ली : ब्रिटेन की दिग्गज तेल कंपनी केयर्न एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत (आईएसी) भारत सरकार द्वारा पिछली तारीख से टैक्स लगाने के मामले में अंतिम आदेश का मसौदा तैयार कर रहा है. कंपनी ने पिछली तारीख से टैक्स लगाने के फैसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुनौती दी है. हालांकि, कंपनी ने यह नहीं कहा कि आदेश कब तक दिया जा सकता है.
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केयर्न ने कहा कि मध्यस्थता कार्यवाही के जरिये वह भारत सरकार से 1.4 अरब डॉलर का मुआवजा चाहती है. आयकर विभाग ने पिछली तारीख से कर के प्रावधान वाले नये कानून संशोधन के तहत 2014 में केयर्न एनर्जी से 10,247 करोड़ रुपये का कर बकाया चुकाने की मांग की थी. विभाग ने ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी पर एक दशक पहले अपने भारतीय कारोबार के पुनर्गठन में शेयरों के लेन-देन से कथित तौर पर हुए पूंजीगत लाभ पर यह कर लगाया था.
इसके बाद विभाग ने दिग्गज खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड में केयर्न एनर्जी के 4.95 फीसदी शेयरों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी थी. इस साल मई में आयकर विभाग ने बकाया टैक्स की वसूली के लिए केयर्न के अधिकांश शेयरों को बेच दिया था. मध्यस्थता न्यायाधिकरण में केयर्न की याचिका के लंबित रहने के दौरान ही शेयरों की बिक्री केयर्न ने कहा कि ब्रिटेन-भारत द्विपक्षीय निवेश समझौता के तहत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत की कार्रवाई में सभी बात रखी जा चुकी है और कार्यवाही पूरी हो चुकी है. उसने कहा है कि न्यायाधिकरण द्वारा अंतिम फैसला लिखने का काम चल रहा है.
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