RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर ने कहा, Aadhaar के फैसले के बाद बायोमीट्रिक के इस्तेमाल को लेकर असमंजस में हैं बैंक

हैदराबाद : रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों में बायोमीट्रिक के पहचान के लिए इस्तेमाल को लेकर काफी अनिश्चितता, असमंजस और हिचकिचाहट की स्थिति है. उन्होंने मंगलवार को यहां कहा कि कई फिनटेक कंपनियों को अपने कारोबारी मॉडल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2019 8:09 PM

हैदराबाद : रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों में बायोमीट्रिक के पहचान के लिए इस्तेमाल को लेकर काफी अनिश्चितता, असमंजस और हिचकिचाहट की स्थिति है. उन्होंने मंगलवार को यहां कहा कि कई फिनटेक कंपनियों को अपने कारोबारी मॉडल को इसकी वजह से नए सिरे से तैयार करना पड़ा है.

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उन्होंने कहा कि इन फिनटेक कंपनियों की लागत इसके बाद काफी बढ़ गयी है, जिससे उनका मुनाफा प्रभावित हुआ है और उनके अस्तित्व को लेकर संकट भी खड़ा हुआ है. उन्होंने यहां एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तेजी से बदलती जटिल प्रौद्योगिकियों, तीसरे पक्ष के वेंडरों के व्यापक इस्तेमाल और उपभोक्ताओं द्वारा मोबाइल तकनीक का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र साइबर जोखिम का खतरा झेल रहा है.

गांधी ने कहा कि अपने आंकड़ों की आउटसोर्सिंग करने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान संवेदनशील डाटा के सीमापार स्थानांतरण पर प्रस्तावित प्रतिबंध को लेकर अब काफी चिंतित हैं. इसमें पासवर्ड और वित्तीय डाटा को भी शामिल करने का प्रस्ताव है. गांधी ने शोधकर्ताओं से कहा कि वे डाटा सुरक्षा के ज्वलंत मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करें और ऐसा व्यावहारिक समाधान ढूंढे, जो कानूनी अनुपालन के ढांचे में हों.

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