मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) की पाबंदी से बाहर कर दिया. इसके चलते इन बैंकों के कर्ज बांटने पर लगे प्रतिबंध हट गये हैं. इनमें बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शामिल हैं.
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने नियामकीय बाध्यताओं को पूरा कर लिया है. इसमें पूंजी संरक्षण कोष (सीसीबी) भी शामिल है. इसके अलावा तीसरी तिमाही के परिणामों में इन बैंकों की शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) छह प्रतिशत के स्तर से नीचे रही हैं. इसलिए इन्हें पीसीए के दायरे से बाहर करने का निर्णय किया गया है. इसके अलावा ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में सरकार की ओर से पर्याप्त पूंजी डाले जाने के बाद बैंक का शुद्ध एनपीए छह प्रतिशत से नीचे आ गया. जिसके चलते इस बैंक को भी पीसीए के दायरे से बाहर रखने का निर्णय किया गया है. हालांकि, ओरियंटल बैंक पर कुछ शर्तें लगी रहेंगी और उस पर करीबी निगाह होगी.
रिजर्व बैंक के इस निर्णय पर वित्त सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में बदलाव लाने में सरकार की एनपीए या कमजोरी पर निगाह, पूंजी डालने, समाधान और सुधार करने (4 आर) की रणनीति एक बार फिर सफल साबित हुई है. बेहतर प्रदर्शन करने वाले तीन सरकारी बैंकों (बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स) को पीसीए के दायरे से बाहर निकाल दिया गया है. बैंकों को अधिक जिम्मेदार और बेहतर जोखिम प्रबंधन अपनाने की जरूरत है ताकि इसकी पुनरावृत्ति ना हो.
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