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#Budget2019 : मोदी सरकार ने भरी सबकी झोली, 5 लाख तक की कमाई अब टैक्स फ्री, संसद में गूंजा मोदी, मोदी

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के आखिरी बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सबकी झोली भर दी. भारत के किसानों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के साथ-साथ मिडिल क्लास पर खासे मेहरबान रहे. किसानों को हर साल 6,000 रुपये देने का एलान किया, तो 5 लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त […]

नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के आखिरी बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सबकी झोली भर दी. भारत के किसानों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के साथ-साथ मिडिल क्लास पर खासे मेहरबान रहे. किसानों को हर साल 6,000 रुपये देने का एलान किया, तो 5 लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त (टैक्स फ्री) करने की भी घोषणा की. यह सीमा पहले 2.5 लाख रुपये थी. टैक्स में बड़ी छूट का एलान होते ही संसद ‘मोदी-मोदी’ के नारे से गूंज उठा. इस दौरान करीब एक मिनट तक वित्त मंत्री को अपना भाषण रोकना पड़ा.

अरुण जेटली की अनुपस्थिति में लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने शुक्रवार को बताया कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने टैक्स दरों में पहले ही कमी कर दी है, उसका सरलीकरण किया है, जिससे टैक्स कलेक्शन बढ़ा है. उन्होंने आयकर दाताओं और राष्ट्र को आश्वस्त किया कि उन्होंने जो कर दिया है, उसका सही इस्तेमाल यह सरकार करेगी.

मिडिल क्लास को बड़ी रियायत

वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी. टैक्सेबल इनकम 2.5 लाख रुपये से बञढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी. यानी अब 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. कुल निवेश को मिला दें, तो 6.5 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री हो गयी है. इस घोषणा से 3 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे. इसमें नौकरीपेशा, पेंशनधारी, सीनियर सिटीजन, छोटे एवं मध्यम व्यापारी के अलावा दुकानदार भी शामिल हैं. श्री गोयल ने बताया कि इन तीन करोड़ लोगों के 18,500 करोड़ रुपये बचेंगे.

-स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा कर सरकार ने 40 हजार से 50 हजार रुपये कर दिया है. इससे लोगों 4,700 करोड़ रुपये का फायदा होगा.

-एक व्यक्ति के यदि दो घर हैं, तो दूसरे घर पर लगने वाला नोशनल रेंट सरकार ने खत्म कर दिया है.

-फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर 10 हजार रुपये तक ब्याज मिलने पर टीडीएस देना होता था, अब यह लिमिट 40 हजार रुपये कर दी है. यानी 40 हजार रुपये तक ब्याज पर अब टीडीएस नहीं देना होगा.

-2.40 लाख रुपये तक मकान का किराया देने पर अब टीडीएस नहीं देना होगा.

-2 करोड़ रुपये तक के रोल ओवर ऑफ कैपिटल गेन पर लगने वाले टैक्स को खत्म कर दिया गया है. इसका लाभ कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में एक बार ले सकेगा.

-अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए आयकर कानून की धारा 81BA के तहत मिलने वाले लाभ की समयसीमा एक साल बढ़ा दी गयी है.

किसानों को हर साल 6,000 रुपये

तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद सरकार ने किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं कीं. श्री गोयल ने संसद को बताया कि किसानों को मौद्रिक लाभ देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि नामक ऐतिहासिक योजना की शुरुआत को सरकार ने मंजूरी दी है. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. योजना के तहत ‘पीएम किसान’ योजना से छोटे किसानों (दो हेक्टेयर तक की जमीन के मालिक) को हर साल 6,000 रुपये सरकार देगी. यह राशि सीधे किसानों के खाते में जायेंगे. सरकार यह राशि किसानों को तीन किश्तों में देगी.

योजना से 12 करोड़ किसान परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा. एक दिसंबर, 2018 से ही योजना प्रभावी होगी. पहली किश्त जल्द ही किसानों के खाते में डाल दिये जायेंगे. योजना पर करीब 75,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसकी पूरी फंडिंग भारत सरकार करेगी. चूंकि योजना को दिसंबर, 2018 से लागू किया जा रहा है, इसके लिए सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त राशि उपलब्ध करायी जायेगी. वित्त मंत्री श्री गोयल ने कहा कि ‘पीएम किसान’ सिर्फ इनकम सपोर्ट ही नहीं देगा, किसानों को सम्मान की जिंदगी जीने का अवसर भी देगा.

श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया है. वर्ष 2018-19 में फसली कर्ज की राशि 11.68 लाख करोड़ रुपये हो गयी है. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ उनको सम्मान की जिंदगी जीने का मौका देने के लिए यह सरकार प्रतिबद्ध है. इसी प्रतिबद्धता के चलते सरकार ने कर्ज लेने वाले किसानों को ब्याज पर सब्सिडी दी. सॉयल हेल्थ कार्ड बनाये, उत्तम बीज उपलब्ध कराये, सिंचाई योजनाओं की शुरुआत की, नीम कोटेड यूरिया बनाकर खाद की कालाबाजी खत्म की. इससे किसानों को फायदा हुआ.

श्री गोयल ने कहा कि पशुधन व्यवसाय और मत्स्य पालन करने वालों को भी किसानों की तरह टैक्स में छूट मिलेगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए सरकार ने 700 करोड़ रुपये का इस अंतरिम बजट में प्रावधान किया है. उन्होंने बताया कि गायों की सेवा और गौपालकों को लाभान्वित एवं गोपालन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के गठन को मंजूरी दी है.

मत्स्य पालकों को भी किसानों की तरह टैक्स रियायत

इतना ही नहीं, मत्स्य पालकों को भी किसानों की तरह टैक्स में रियायत दी. उन्होंने कहा कि भारत दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है. यह क्षेत्र 1.45 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाता है. सरकार ने फिशरीज विभाग बनाने का निर्णय किया है. अंतिम बजट में सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ इन्हें देने का फैसला किया था. एनिमल हसबैंड्री क्षेत्र को 2 फीसदी ब्याज की छूट मिलेगी. इन्हें अतिरिक्त तीन फीसदी ब्याज का छूट मिलेगा, यदि समय पर ऋण चुका देंगे. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बाद किसान अपना ऋण नहीं चुका पाते. ऐसी स्थिति में सभी प्रभावित किसानों को नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड से 2 प्रतिशत और समय पर वापसी करने पर तीन प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए सरकार ने पहले ही कई कदम उठाये हैं. इसमें 22 फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि समेत अन्य कई कदम शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों को उनकी फसल के लिए लागत से कम से कम 50 फीसदी अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देना सुनिश्चित किया है.

मजदूर और कामगार की प्रतिष्ठा

वित्त मंत्री ने कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का लाभ कामगारों और सरकारी सेवाओं में कार्यरत सभी लोगों को मिलना चाहिए. पांच साल में 2 करोड़ नये लोग इपीएफओ से जुड़े. सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया. किसी को आंदोलन नहीं करना पड़ा. नयी पेंशन स्कीम शुरू की गयी.

उन्होंने कहा कि श्रमिकों को दिये जाने वाले बोनस की अधिकतम सीमा भी 3500 से 7000 एवं वेतन की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार रुपये कर दी गयी. ग्रेच्यूटी भुगतान की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गयी है. वित्त मंत्री ने कहा कि 5 वर्षों के दौरान सभी श्रेणी के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में 42 फीसदी की वृद्धि हुई, जो अब तक का सर्वाधिक है.

श्री गोयल ने मेगा पेंशन योजना ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन’ योजना की शुरुआत का एलान किया. उन्होंने संसद को बताया कि इस योजना में शामिल होने वाले असंगठित क्षेत्र के लोगों को रिटायरमेंट पर कम से कम 3,000 रुपये प्रति महीने मिलेंगे. इसके लिए बहुत कम प्रीमियम देना होगा. उन्होंने बताया कि 15 हजार रुपये प्रति माह तक कमाने वाले इसका लाभ ले पायेंगे. यदि कोई 29 साल की उम्र में इस योजना में शामिल होना चाहे, तो उसे 100 रुपये प्रतिमाह देने होंगे, जबकि 18 साल की उम्र में योजना से जुड़ने पर सिर्फ 55 रुपये प्रति माह देने होंगे. सरकार को उम्मीद है कि इससे कम से कम 10 करोड़ लोग जुड़ेंगे.

आगामी पांच साल में यह योजना विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए उन्होंने फिलहाल 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के 42 करोड़ कर्मचारी देश के 50 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान देते हैं.

घुमंतू समुदाय के लोगों का भी होगा कल्याण

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह सरकार अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है. घुमंतू समुदाय के लोगों पर भी सरकार ने ध्यान देने का निश्चय किया है. वेलफेयर डेवलपमेंट बोर्ड का गठन होगा, जो इन समुदायों के विकास के लिए योजना बनायेगी और उसे लागू करवायेगी.

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