नौकरीपेशा पति-पत्नी वाले एक परिवार की 1.13 लाख रुपये तक मासिक आय हो जायेगी करमुक्त

पटना : एक उच्च मध्यमवर्गीय परिवार पर अंतरिम बजट का पड़ने वाला असर मिश्रा फैमिली से समझा जा सकता है. इस चार सदस्यीय परिवार में पति अमर मिश्रा, पत्नी सरिता मिश्रा, बेटा सुयश व बेटी शालिनी मिश्रा है. इनमें नौकरीपेशा पति-पत्नी दोनों की मासिक आय 55-55 हजार रुपये है. इसके हिसाब से एक व्यक्ति की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2019 4:29 AM

पटना : एक उच्च मध्यमवर्गीय परिवार पर अंतरिम बजट का पड़ने वाला असर मिश्रा फैमिली से समझा जा सकता है. इस चार सदस्यीय परिवार में पति अमर मिश्रा, पत्नी सरिता मिश्रा, बेटा सुयश व बेटी शालिनी मिश्रा है. इनमें नौकरीपेशा पति-पत्नी दोनों की मासिक आय 55-55 हजार रुपये है. इसके हिसाब से एक व्यक्ति की सालाना आमदनी 6.60 लाख रुपये होगी.

50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन करते ही उनकी इनकम 6.10 लाख रुपये हो जायेगी. इसमें एफडी के ब्याज से हुई आय 40 हजार रुपये व सेविंग अकाउंट के ब्याज 10 हजार रुपये जोड़ने पर टैक्सेबल इनकम 6.50 लाख रुपये होगी. अब इसमें 1.50 रुपये की राशि टैक्स सेविंग योजनाओं (म्युचुअल फंड/एलआइसी) आदि में निवेश करने पर पांच लाख रुपये मूल आय बचेगी.

इस आय पर न तो अमर मिश्रा और न ही सरिता मिश्रा को कोई आयकर भुगतान करना होगा. इस लिहाज से पति-पत्नी के एक परिवार की 1.13 लाख रुपये की मासिक आय करमुक्त मानी जायेगी.

ब्याज पर होने वाली आय में टीडीएस नहीं काटा जायेगा
इस ग्रुप को बजट से सीधे तो कोई फायदा नहीं हुआ, पर नुकसान भी नहीं हुआ. मगर रियल इस्टेट में वैसे लेाग जिनकी किराये से आय है, उनका टीडीएस 2.40 लाख रुपये सालाना रेंटल होने पर ही कटेगा.
यह पहले 1.80 लाख था. इससे वैसे लोग जो अपनी प्रोपर्टी को किराये पर लगाने का काम करते हैं, वे टीडीएस के रूप में कटौती से फायदा में रहेंगे. साथ ही कैपिटल गेन की छूट जो कि सिर्फ एक आवासीय प्राेपर्टी रखने पर मिलती थी, उसको धारा 54 के तहत दो प्रोपर्टी तक कर दिया गया है.
मध्यम वर्ग परिवार
जीएसटी से रजिस्टर्ड एमएसएमइ सेक्टर को ऋण ब्याज में दो फीसदी छूट की घोषणा मध्यम वर्गीय व्यवसायी परिवार के लिए बड़ा निर्णय है. इससे वे जीएसटी में रजिस्टर्ड होकर व्यवसाय करना चाहेंगे. इसके साथ ही पांच लाख तक सालाना आय पर आयकर की छूट भी बहुप्रतीक्षित निर्णय है. अगर व्यक्ति निवेश को योजनाबद्ध तरीके से करे तो सात लाख से भी अधिक आय पर आयकर नहीं चुकाना पड़ेगा.
वर्तमान में पांच लाख की आय कर 12.50 हजार रुपये, चार लाख पर 7.5 हजार और साढ़े तीन लाख की आय पर 2500 रुपये आयकर लगता है, जो शून्य हो जायेगा. इसके साथ ही पहले बैंक से मिलने वाला ब्याज मात्र 10 हजार रुपये से अधिक होने पर टीडीएस काट लिया जाता था. उस सीमा को बढ़ा कर 40 हजार रुपये कर देने का प्रस्ताव है.
इससे बहुत बड़े तबके को एफडी वगैरह से ब्याज पर होने वाली आय में टीडीएस नहीं काटा जायेगा. वेतनभोगी कर्मचारियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन से मिलने वाली छूट को 40 हजार से बढ़ा कर 50 हजार करने से तीन हजार रुपये तक का फायदा हो सकता है. ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख से बढ़ा कर 20 लाख कर देने से रिटायर होने वाले कर्मी लाभान्वित होंगे.
निम्न वर्ग परिवार
यह परिवार मुख्यत: खेती-किसानी से लेकर मजदूरी पर आश्रित होते हैं. सरकार ने पीएम श्रम योगी मानधन स्कीम के तहत जिसकी भी मंथली इंकम 15 हजार रुपये तक है, उसको इस स्कीम में सहयोग देने पर 60 साल की उम्र के बाद तीन हजार रुपये मासिक पेंशन देने का प्रस्ताव किया है. इसमें जितनी कटौती श्रमिक द्वारा करवायी जायेगी, उतना ही योगदान केंद्र सरकार द्वारा दिया जायेगा.
इसके तहत अगर कोई युवा 18 वर्ष की उम्र में योगदान शुरू करता है तो उसे मात्र 55 रुपये प्रतिमाह कटौती के रूप में देने होंगे. इसी तरह 29 साल की उम्र में शुरू करने पर 100 रुपये प्रतिमाह कटौती करवानी पड़ेगी. पशुपालन या डेयरी का व्यवसाय करने वालों को भी ऋण पर दो फीसदी ब्याज में छूट दी जायेगी.
इसके साथ ही पीएम किसान योजना के तहत दो हेक्टेयर की भूमि वाले किसानों को सालाना छह हजार रुपये दिये जाने के प्रस्ताव से किसानों की बड़ी आबादी को राहत मिलेगी. यह राशि दो-दो हजार रुपये के तीन इंस्टॉलमेंट में मिलेंगे. इसके साथ ही डिजिटल विलेज कांसेप्ट में एक लाख गांव बनेंगे तो बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा.

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