मुंबई : रिजर्व बैंक ने गुरुवार को छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की. रिजर्व बैंक ने महंगाई के मोर्चे पर सहूलियत को देखते हुए बुधवार को अपनी नीतिगत ब्याज दर ‘रेपो’ 0.25 प्रतिशत घटा कर 6.25 प्रतिशत कर दी. इससे धन सस्ता पड़ेगा और आने वाले दिनों में बैंक घर तथा अन्य रिणों पर मासिक किस्त घटा सकते हैं.
इसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं-
1. नीतिगत ब्याज दर (रेपो) 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत की गयी.
2. रिवर्स रेपो दर भी इसी अनुपात में कम होकर 6 प्रतिशत रह गयी.
3. बैंक दर, सीमांत स्थायी दर 6.5 प्रतिशत रही.
4. नकद आरक्षित अनुपात 4 प्रतिशत पर बरकरार.
5. मार्च तिमाही के लिये मुख्य मुद्रास्फीति (हेडलाइन) अनुमान को कम कर 2.8 प्रतिशत किया गया.
6. अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में मुद्रास्फीति 3.2 से 3.4 प्रतिशत तथा तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान.
7. जीडीपी वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जो 2018-19 में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
8. वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल-सितंबर के दौरान वृद्धि दर 7.2 से 7.4 प्रतिशत तथा तीसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान.
9. तेल कीमत परिदृश्य अस्पष्ट, व्यापार तनाव का वैश्विक वृद्धि संभावना पर होगा असर.
10. केंद्रीय बजट प्रस्तावों से खर्च योग्य आय बढ़ेगी जिससे मांग को बढ़ावा मिलेगा.
11. एकबार में थोक जमा परिभाषा को संशोधित किया गया. अब एक करोड़ रुपये के बजाए एक बार में 2 करोड़ रुपये अथवा इससे अधिक की जमा इस श्रेणी में आएगी.
12. बड़ी श्रेणियों की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में तालमेल को लेकर दिशानिर्देश जारी किया जाएगा.
13. रुपये के मूल्य में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये विदेशी रुपया बाजार के लिये कार्य बल गठित करने का प्रस्ताव.
14. कंपनी बांड बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के निवेश पर पाबंदी हटी.
15. भुगतान के लिये मंच उपलब्ध कराने की सेवा देने वाले तथा भुगतान संग्राहक के लिये परिचर्चा पत्र लाया जाएगा.
16. बिना गारंटी के कृषि कर्ज देने की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये की गयी. इससे छोटे एवं सीमांत किसानों को मदद मिलेगी.
17. कृषि कर्ज की समीक्षा के लिये कार्यकारी समूह का गठन.
18. मौद्रिक नीति समिति के चार सदस्यों ने नीतिगत दर में कटौती के पक्ष में तथा दो ने यथास्थिति बनाये रखने को लेकर मत दिया.
19. समिति के दो सदस्यों चेतन घाटे तथा विरल आचार्य यथास्थिति बनाये रखने के पक्ष में थे.
20. मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 2-4 अप्रैल को होगी.
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