मुंबई : नकदी संकट से जूझ रहे रीयल एस्टेट क्षेत्र ने रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में चौथाई फीसदी कटौती के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इस ‘अप्रत्याशित’ कदम से क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा. खास तौर पर हालिया अंतरिम बजट में जो प्रोत्साहन दिये गये हैं, उसके बाद नीतिगत दरों में कटौती से क्षेत्र में आवासीय इकाइयों की मांग में सुधार होगा.
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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 0.25 फीसदी घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है. हाल के आईएलएंडएफएस संकट के बाद नकदी संकट से जूझ रहा रीयल्टी क्षेत्र इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा था.
नाइट फ्रैंक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि रेपो दर में कटौती के बाद बैंक इसका लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित कर सकते हैं. इससे उन्हें मकान खरीद का फैसला करने में आसानी होगी. नेशनल रीयल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि इस फैसले से न केवल अर्थव्यवस्था में नकदी की स्थिति सुधरेगी, बल्कि निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा और अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी.
इसी तरह की राय जताते हुए जेएलएल इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तथा भारत में प्रमुख रमेश नायर ने कहा कि 2018 में घरों की बिक्री तथा नये आवासों की पेशकश बढ़ी है. अब घर खरीदार निश्चित रूप से खरीदारी पर फैसला करेंगे. सीबीआरई के चेयरमैन एवं सीईओ भारत अंशुमान मैगजीन ने कहा कि इससे निवेश और मांग बढ़ेगी. ब्याज दरों में कटौती तथा बजट प्रोत्साहनों से रीयल एस्टेट क्षेत्र को लाभ होगा.
नाहर समूह की वाइस चेयरपर्सन मंजू याज्ञनिक ने कहा कि केंद्रीय बैंक के अपने रुख को धीरे-धीरे सख्त करने से बदलकर तटस्थ करने से आगामी नीतिगत समीक्षाओं में और सकारात्मक बदलाव आयेंगे. कोलियर्स इंटरनेशनल इंडिया के प्रमुख (सलाहकार) आशीष अग्रवाल ने कहा कि धारणा को मजबूत करने के बजट के बाद रेपो दर में कटौती रीयल एस्टेट क्षेत्र में एक और सकारात्मक कदम है.
एनारॉक प्रॉपर्टी के सलाहकार अनुज पुरी ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती अप्रत्याशित रूप से सकारात्मक कदम है. इसकी काफी समय से प्रतीक्षा थी. निश्चित रूप से इससे रीयल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा. पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस के प्रबंध निदेशक खुशरू जिजिना ने कहा कि रिजर्व बैंक के फैसले से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को भी फायदा होगा.
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