मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को कहा कि चंदा कोचर मामले में कानून अपना काम करेगा. आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख रहीं कोचर पर कथित रूप से गड़बड़ी के आरोपों को लेकर केंद्रीय बैंक की ओर से पहली बार यह बयान आया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नियामक की भूमिका किसी के द्वारा व्यक्तिगत रूप से या समूह में नियमनों के उल्लंघनों को देखने तक सीमित है और मामले में आगे कार्रवाई करना है.
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मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद परंपरागत संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि यदि कुछ चीजों की जांच करने की जरूरत है, तो यह जांच एजेंसियों का काम है और उन्हें इस पर कार्रवाई करनी है. उनसे पूछा गया था कि बैंकिंग क्षेत्र का नियामक आईसीआईसीआई बैंक में हुये घटनाक्रम को कैसे देखता है.
आईसीआईसीआई बैंक से कोचर की बर्खास्तगी से पहले सीबीआई ने एफआईआर दायर कर वीडियोकॉन समह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण देने में ‘परस्पर लाभ उठाने’ के मामले में कोचर और अन्य को आरोपी बनाया है. इस मामले पर विवाद के बीच पद्म भूषण से सम्मानित कोचर ने अक्टूबर, 2018 में बैंक से त्यागपत्र दे दिया था.
हालांकि, कुछ महीने पहले बैंक ने कोचर को इस मामले में क्लीन चिट दी थी. कोचर देश में किसी बैंक की अगुवाई करने वाली पहली महिला प्रमुख भी हैं. 2009 में वह बैंक की प्रमुख बनी थीं. सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण की अगुवाई वाली स्वतंत्र जांच समिति ने निष्कर्ष दिया था कि कोचर ने कर्ज देने में बैंक की नीतियों और अन्य नियमों एवं नियमनों का उल्लंघन किया है.
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