केंद्रीय मंत्री पासवान ने राज्यों को दिया निर्देश, गन्ना किसानों के 20,000 करोड़ रुपये के भुगतान को उठायें कदम
नयी दिल्ली : किसानों के बढ़ते गन्ना बकाये को लेकर चिंता जताते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने राज्यों से इस दिशा में कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है. पासवान ने राज्यों से यह तय करने को कहा है कि चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों के 20,000 करोड़ रुपये के बकाये के […]
नयी दिल्ली : किसानों के बढ़ते गन्ना बकाये को लेकर चिंता जताते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने राज्यों से इस दिशा में कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है. पासवान ने राज्यों से यह तय करने को कहा है कि चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों के 20,000 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान के लिए कदम उठाए जायें. इस बारे में पासवान ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिखा है. केंद्र ने पिछले सप्ताह चीनी मिल के गेट पर चीनी का बिक्री मूल्य 29 रुपये से बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया था.
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खाद्य मंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों का बकाया बढ़ रहा है. हमने इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया है. हमने चीनी उत्पादक सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है. हमने उनसे कहा है कि केंद्र सरकार हरसंभव कदम उठा रही है, लेकिन आखिरकारा मिलों की ओर से किसानों को भुगतान सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्यों की है. उन्होंने कहा कि किसानों को उनका बकाया मिल सके, इसके लिए राज्य कोई भी कार्रवाई कर सकते हैं.
पासवान ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से इस बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैंने केंद्रीय खाद्य सचिव से राज्यों के गन्ना आयुक्तों के साथ नियमित रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने को कहा है, ताकि स्थिति पर निगाह रखी जा सके. पिछले सप्ताह पासवान ने सूचित किया था कि इस साल 13 फरवरी तक गन्ना बकाया 20,167 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
पासवान ने कहा कि बकाया राशि में से एफआरपी (गन्ने का केंद्रीय मूल्य) के आधार पर यह बकाया 18,157 करोड़ रुपये है. गन्ने का सबसे अधिक 7,229 करोड़ रुपये का बकाया उत्तर प्रदेश में है. महाराष्ट्र में यह बकाया 4,792 करोड़ रुपये और कर्नाटक में 3,990 करोड़ रुपये है.
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