अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, एरिक्सन कंपनी को चुकायें 550 करोड़, अन्यथा जाना पड़ेगा जेल

नयी दिल्ली : रिलायंस कम्यूनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनके दो डायरेक्टर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है.सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्‍युनिकेशंस के अध्यक्ष अनिल अंबानी को जानबूझ कर उसके आदेश का उल्लंघन करने और टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को 550 करोड़ रुपए बकाए का भुगतान नहीं करने पर बुधवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2019 11:08 AM

नयी दिल्ली : रिलायंस कम्यूनिकेशंस के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनके दो डायरेक्टर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है.सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्‍युनिकेशंस के अध्यक्ष अनिल अंबानी को जानबूझ कर उसके आदेश का उल्लंघन करने और टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को 550 करोड़ रुपए बकाए का भुगतान नहीं करने पर बुधवार को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया.

कोर्ट ने कहा कि अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम के अध्यक्ष सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल की अध्यक्ष छाया विरानी ने न्यायालय में दिये गये आश्वासनों और इससे जुड़े आदेशों का उल्लंघन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशन के अध्यक्ष और अन्य को अवमानना से बचने के लिए एरिक्सन को चार सप्ताह में 453 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने कहा कि अगर वे निर्धारित समय में भुगतान नहीं करते तो उन्हें तीन महीने जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी. कोर्ट ने रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल दोनों को चार सप्ताह में सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री में एक-एक करोड़ रुपये जमा करने को भी कहा नहीं तो अध्यक्ष को एक महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी.

इसमें निर्देश दिया गया है कि रिलायंस ग्रुप की ओर से न्यायालय की रजिस्ट्री में पहले से जमा कराए गये 118 करोड़ रुपये एरिक्सन को दिए जाएं. इसमें कहा गया है, ‘‘रिलायंस समूह के शीर्ष नेतृत्व की ओर से दिए गए आश्वासनों से यह प्रतीत होता है कि आदेश के बावजूद उन्होंने जानबूझ कर एरिक्सन को राशि का भुगतान नहीं किया.’ कोर्ट ने उल्लेख किया कि रिलायंस की बिना शर्त माफी को खारिज किए जाने की जरूरत है क्योंकि उन्होंने आश्वासन और आदेश का उल्लंघन किया है.

अवमानना मामले में आरकॉम अध्यक्ष अनिल अंबानी की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने बुधवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं और उन्होंने भरोसा जताया कि एरिक्सन को बकाए के भुगतान संबंधी आदेश का आरकॉम समूह आदर करेगा. रोहतगी ने मामले में फैसला सुनाए जाने के कुछ ही मिनट बाद कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं. हमने हमारे समक्ष आई मुश्किलों का सामना किया है. हालांकि न्यायालय को जो आदेश देना था, उसने दे दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि आरकॉम उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करेगा.’

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