मुंबई : साइबर हमलों के लिहाज से भारत के बैंक हैकरों के लिए सबसे अधिक सॉफ्ट टारगेट और संवेदनशील माने जा रहे हैं. सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बैंकिंग प्रणाली को साइबर सुरक्षा से जुड़े खतरों एवं चुनौतियों एवं प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलावों से निपटने के लिए खुद को तैयार रखना होगा. अधिकारी ने बताया कि बैंकों के लिए जरूरी है कि वे अपने सॉफ्टवेयर को मजबूत बनायें, क्योंकि उन पर साइबर हमले की आशंका सर्वाधिक होती है.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक गुलशन राय ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो लिंक के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि यह जरूरी है कि हम सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों, खतरे और प्रौद्योगिकी में होने वाले बदलावों से पैदा होने वाली चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करें.
राय ने कहा कि नयी-नयी प्रौद्योगिकी को अंगीकार करने से पैदा होने वाले खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए बैंकों को अपनी क्षमता का विस्तार अधिक तेजी से करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम इस दुनिया में अगली पीढ़ी की चीजों से जूझ रहे हैं. हर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अगली पीढ़ी का है. उन्होंने 5जी नेटवर्क की शुरुआत का उल्लेख करते हुए कहा कि पांचवीं पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के आने के साथ सभी तरह की प्रणालियों को उल्लेखनीय रूप से उन्नत बनाये की जरूरत होगी.
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