मुंबई : बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजुमदार शॉ ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें आगे रहकर नेतृत्व की भूमिका निभाने वाली महिलाओं को खोजने के लिए जूझना पड़ रहा है. बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं नहीं मिल पा रही हैं. हालांकि, कनिष्ठ प्रबंधन के स्तर पर उनकी संख्या में काफी वृद्धि हुई है. शॉ का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कंपनियों के शीर्ष पदों तथा सामान्य जीवन के अन्य पक्षों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने की मांग उठ रही है. कंपनी के निदेशक मंडल में महिलाओं की कम संख्या होने से भी इसका पता चलता है.
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शॉ ने नासकॉम लीडरशिप सम्मेलन में कहा कि अगले पांच से 10 साल में हमें अग्रणी पदों पर अधिक महिलाएं देखने को मिल सकती हैं. चीजें बदल रही हैं, लेकिन यह उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है, जो मैं चाहती हूं. उन्होंने कहा कि कई पारंपरिक कारोबारों के लिए यह अस्तित्व का सवाल है कि हम अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए प्रौद्योगिकी को कैसे अपना सकते हैं और उसका फायदा उठा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि पारंपरिक विनिर्माण उद्योग द्वारा प्रौद्योगिकी को तेजी से नहीं अपनाये जाने का एक कारण यह भी है कि नियमन प्रौद्योगिकी जगत के साथ कदमताल नहीं कर पा रहा है. यह हमारी लगातार शिकायत रही है और वे बदलने में काफी धीमे हैं. उन्होंने अपनी कंपनी बायोकॉन बनाने के निर्णय को बिना गणना का जोखिम बताया.
उन्होंने कहा कि मेरा जीवन और मेरी यात्रा जोखिम उठाने की रही है, इनमें से अधिकांश नपा-तुला जोखिम रहा है। लेकिन बिना नाप-तौल किये उठाया गया पहला जोखिम एक बायोटेक कंपनी शुरू करना रहा है, क्योंकि मुझे मालूम नहीं था कि मैं करने क्या जा रही हूं.
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