तीन महीना बढ़ा प्रत्यक्ष कर कानूनों की समीक्षा करने वाले कार्यबल का कार्यकाल

नयी दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के तहत मौजूदा आयकर कानून के स्थान पर नये प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए बनाये गये एक कार्यबल का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. सीबीडीटी के तहत बने इस कार्यबल का मौजूदा कार्यकाल 28 फरवरी को खत्म हो गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2019 5:35 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के तहत मौजूदा आयकर कानून के स्थान पर नये प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए बनाये गये एक कार्यबल का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. सीबीडीटी के तहत बने इस कार्यबल का मौजूदा कार्यकाल 28 फरवरी को खत्म हो गया है. इस कार्यबल का गठन सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन की निगरानी में किया गया है.

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रंजन ने रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की जरूरतों और संचालन कारणों के चलते कार्यकाल विस्तार की मांग की थी. सीबीडीटी की ओर से गुरुवार को जारी एक आदेश के अनुसार, कार्यबल का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाया गया है. अब समिति को अपनी रिपोर्ट 31 मई, 2019 तक जमा करनी होगी. कार्यबल के कार्यकाल विस्तार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की मंजूरी मिल चुकी है.

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