नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के खिलाफ 13 मार्च की घोषित हड़ताल में शामिल होने के प्रति आगाह किया है. कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में कहा है कि हड़ताल पर जाने के ‘परिणाम भुगतने’ होंगे. मंत्रालय ने कहा है कि उसके संज्ञान में यह लाया गया है कि एनपीएस के विरोध में सरकारी कर्मचारियों के मंच राष्ट्रीय संयुक्त संघर्ष समिति (एनजेसीए) की ओर से 13 मार्च को राजधानी में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किये जाने की घोषणा की गयी है.
इसे भी पढ़ें : 20 हजार केंद्रीय कर्मी रहे हड़ताल पर, किया प्रदर्शन
मंत्रालय ने नियमों का हवाला देते हुए अपने आदेश में सरकारी कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार की हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगायी है. इसमें कर्मचारियों पर सामूहिक आकस्मिक अवकाश, धीमे काम करो… सहित ऐसी किसी भी कार्रवाई में शामिल होने पर पाबंदी है, जिससे किसी प्रकार की हड़ताल या विरोध-प्रदर्शन को बढ़ावा मिलता हो.
कार्मिक मंत्रालय ने कहा है कि हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों को नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं, जिसमें उनकी तनख्वाह कटने के साथ-साथ उनके खिलाफ समुचित अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है. अधिकारियों को निर्देश है कि वे घोषित तिथि को आकस्मिक अवकाश या किसी अन्य प्रकार का अवकाश स्वीकृत न करें.
उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि काम पर आने के इच्छुक कर्मचारियों को अपने कार्यालय में आने में किसी प्रकार की बाधा न हो. केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या करीब 48.41 लाख है. कार्मिक मंत्रालय ने सरकारी कार्यालय भवनों की सुरक्षा में लगी केंद्रीय औद्योगिकी सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) से भी कहा है कि वह सभी भवनों में जरूरी सुरक्षा इंतजाम करने को कहा है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.