सरकार ने प्याज की कीमत घटाने के लिए एमईपी को बढाया

नयी दिल्ली : सरकार ने प्याज की घरेलू आपूर्ति बढाने और कीमत वृद्धि को रोकने के लिए इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य :एमईपी: को बढाकर 500 डॉलर प्रति टन कर दिया है. पिछले महीने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 300 डॉलर प्रति टन किया गया था, जबकि इससे ठीक तीन महीने पहले पूर्ववर्ती सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2014 3:18 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने प्याज की घरेलू आपूर्ति बढाने और कीमत वृद्धि को रोकने के लिए इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य :एमईपी: को बढाकर 500 डॉलर प्रति टन कर दिया है. पिछले महीने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 300 डॉलर प्रति टन किया गया था, जबकि इससे ठीक तीन महीने पहले पूर्ववर्ती सरकार ने मार्च में इसे हटा दिया था. एमईपी वह दर से है जिस दर से नीचे निर्यात करने की अनुमति नहीं होती. राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत बढकर 25.30 रुपये प्रति किग्रा हो गई है जबकि थोक बाजार में इसका भाव 18.50 रुपये प्रति किग्रा चल रहा है.

प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य को बढाने का फैसला 30 जून को एक अंतर मंत्रालयीय समिति ने किया. एक सरकारी बयान में कहा गया है, बढते खुदरा और थोक बिक्री मूल्य तथा मानसून में विलंब की स्थिति को ध्यान में रखते हुए समिति ने एकमत से घरेलू कीमत वृद्धि को रोकने और घरेलू आपूर्ति को बढाने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य :एमईपी: 500 डॉलर प्रति टन निर्धारित करने का फैसला किया. इस हिसाब से कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम बैठेगी. समिति ने कहा कि प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के 300 डॉलर प्रति टन होने के बावजूद उत्पादक क्षेत्रों और उपभोक्ता मंडियों में प्याज की थोक और खुदरा कीमतें बढ रही हैं तथा प्याज के निर्यात में कोई उल्लेखनीय गिरावट नहीं आई है. देश में पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद सामान्य से कमजोर बरसात रहने की आशंका के बीच सट्टेबाजी के कारण प्याज की कीमतें बढ रही हैं.

एशिया की सबसे बडे प्याज बाजार, महाराष्ट्र के लासालगांव में प्याज का थोक बिक्री मूल्य जून के दौरान करीब 80 प्रतिशत बढकर 18.50 रुपये प्रति किग्रा हो गया है. फसल वर्ष 2013.14 के दौरान प्याज उत्पादन बढकर 192 लाख टन होने का अनुमान है जो वर्ष 2012.13 में 168 लाख टन था. इस बीच, निर्यात घटकर 13.58 लाख टन रह गया जो वर्ष 2012.13 में 18.22 लाख टन था. कम उत्पादन वाले समय जून से नवंबर के दौरान में प्याज की घरेलू मांग की पूर्ति भंडारित रबी :जाडे: और ताजा खरीफ :गरमी: के उत्पादों से की जाती है.

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