चेन्नई : देश का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 330 अरब डॉलर के नये रिकार्ड स्तर को छू जाने की उम्मीद है. वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दुनिया में बढ़ते संरक्षणवाद और कड़ी प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए निर्यात कारोबार का आंकड़ा नयी ऊंचाई पर पहुंच सकता है.
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वाधवान यहां अंतरराष्ट्रीय इंजीनियरिंग सोर्सिंग शो (आईईएसएस) में वैश्विक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और व्यापार सहयोगियों को संबोधित कर रहे थे. वाधवान ने कहा कि निर्यात की दृष्टि से यह साल हमारे लिए अच्छा रहा है. निर्यात में हम सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के करीब हैं. इससे पहले 2013-14 में हमारा निर्यात सबसे ज्यादा यानी 314 अरब डॉलर का था. इस बार हमें 325-330 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंचने की उम्मीद है.
वाणिज्य सचिव ने कहा कि भारत का इंजीनियरिंग निर्यात हाल के वर्षों में बढ़ा है. वाधवान ने कहा कि 2008-09 की मंदी के बाद से भारतीय निर्यातक कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. इसमें कई देशों का संरक्षणवादी रुख भी शामिल है, लेकिन सरकार की नीतियों के चलते इंजीनियरिंग क्षेत्र को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाने में सफलता मिली है.
वर्ष 2017-18 में देश का निर्यात 10 फीसदी की वृद्धि के साथ 303 अरब डॉलर रहा था. वहीं, इस दौरान आयात कारोबार 460 अरब डॉलर रहा था. इस प्रकार व्यापार घाटा 157 अरब डॉलर रहा. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि में देश का निर्यात 9.52 फीसदी बढ़कर 271.8 अरब डॉलर रहा है. वहीं, इस दौरान आयात 11.27 फीसदी बढ़कर 427.73 अरब डॉलर तक पहुंच गया.
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