झारखंड में पकड़ी बरवाडीह कोल खदान में प्रोडक्शन बढ़ कर 67.5 लाख टन पहुंचा
नयी दिल्ली : एनटीपीसी का निजी उपयोग के लिए कोल प्रोडक्शन 72.5 लाख टन रहने का अनुमान है. यह पिछले साल के 26.8 लाख टन के मुकाबले 170 प्रतिशत अधिक है. कंपनी के एक अधिकारी बताया कि. एनटीपीसी के झारखंड में पकड़ी बरवाडीह कोल खदान में प्रोडक्शन 2018-19 में उछल कर 67.5 लाख टन पहुंच […]
नयी दिल्ली : एनटीपीसी का निजी उपयोग के लिए कोल प्रोडक्शन 72.5 लाख टन रहने का अनुमान है. यह पिछले साल के 26.8 लाख टन के मुकाबले 170 प्रतिशत अधिक है. कंपनी के एक अधिकारी बताया कि. एनटीपीसी के झारखंड में पकड़ी बरवाडीह कोल खदान में प्रोडक्शन 2018-19 में उछल कर 67.5 लाख टन पहुंच गया, जो 2017-18 में 26.8 लाख टन था. ओड़िशा के दुलांगा कोल खदान में भी प्रोडक्शन शुरू हो गया. चालू वित्त वर्ष में इस कोल खदान से प्रोडक्शन 50 हजार टन रहने का अनुमान है. ईंधन सुरक्षा रणनीति में कोल खनन काफी अहम है.
कोयला मामले में आत्मनिर्भरता पावर प्रोडक्शन में सतत वृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है. अधिकारी ने कहा कि हमने निजी उपयोग के लिए कोल प्रोडक्शन दो साल पहले ही शुरू किया. ऐसे में चालू वित्त वर्ष में प्रोडक्शन में उछाल काफी उत्साहजनक है.
एनटीपीसी की कोल की सालाना जरूरत करीब 19 करोड़ टन है, ऐसे में 72.5 लाख का प्रोडक्शन काफी कम है. कंपनी की थोक मात्रा में कोल जरूरतें फिलहाल कोल इंडिया से पूरी होती हैं. इसके अलावा कुछ कोयला इंपोर्ट भी किया जाता है.
एनटीपीसी के पाकड़ी-बरवाडीह कोल खदान से पहला रैक फरवरी 2017 में रवाना हुआ था. इसका क्षेत्रफल 46.26 वर्ग किमी है, जबकि खनन 1.5 करोड़ टन सालाना है. इसमें खान योग्य भंडार 64.1 करोड़ टन है. पावर कंपनी को जो कोल ब्लाक मिले हैं, उसमें पाकड़ी-बरवाडीह, चट्टी बरियातू, दुलांगा, तलाईपल्ली, बनायी, भालूमुंडा और मंदाकिनी बी शामिल है.
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