मुद्रास्फीति भारत के लिए एक गंभीर चुनौतीः विश्व बैंक

नयी दिल्लीः भारत में मुद्रास्फीति की स्थिति अभी भी उंची बनी हुई है और नयी सरकार को राजकोषीय गिरावट से बचना चाहिए ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके. विश्व बैंक के भारतीय निदेशक ने यह बात भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली उस बयान के बाद कहा जिसमें उन्होंने आगामी बजट में कुछ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2014 4:30 PM

नयी दिल्लीः भारत में मुद्रास्फीति की स्थिति अभी भी उंची बनी हुई है और नयी सरकार को राजकोषीय गिरावट से बचना चाहिए ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके. विश्व बैंक के भारतीय निदेशक ने यह बात भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली उस बयान के बाद कहा जिसमें उन्होंने आगामी बजट में कुछ कड़े फैसले लेने की बात कही थी.

विश्व बैंक के नयी दिल्ली कार्यालय में ओनो रूहल ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह ध्यान देने की बात है कि मुद्रस्फीति भारत के लिए एक गंभीर चुनौती है. रुहल ने कहा कि हम उच्च राजकोषीय घाटे का समर्थन नही करेंगे.

यह संभव है कि बिना उच्च मुद्रास्फीति के अर्थव्यवस्था में सुधार किया जाए. उन्होंने कहा कि नयी मोदी सरकार के पास यह चुनौती है कि वह ऐसे दौर में अर्थव्यवस्था को आगे ले जाए जबकि थोक मुद्रा स्फीति पिछले पांच महीने के सबसे ऊंची स्थिति में है जबकि खुदरा मुद्रास्फीति दर आठ प्रतिशत से ऊपर है.

विश्व बैंक ने पिछले महीने भी कहा था कि भारत मौजूदा वित्तीय वर्ष में 5.5 प्रतिशत और आने वाले वित्तीय वर्ष 2015-16 में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकता है. रुहल ने कहा था कि अगर मोदी सरकार कुछ बेहतर परफोर्म करती है तो अगले वर्ष अर्थव्यवस्था में बेहतरी की उम्मीद की जा सकती है.

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