मुंबई : भारतीय कंपनियों का विदेशी ऋण फरवरी महीने में नौ फीसदी घटकर 2.81 अरब डॉलर पर आ गया. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी. घरेलू कंपनियों ने फरवरी, 2018 में विदेशी वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) के जरिये 3.1 अरब डॉलर जुटाये थे. फरवरी में किसी भी कंपनी ने विदेशी बाजार से रुपये वाले बांड मार्ग से धन नहीं जुटाया.
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आंकड़ों के अनुसार, फरवरी महीने के दौरान पूरा कोष स्वत: मंजूर मार्ग से जुटाया है. ऑयल इंडिया ने विदेशी निवेश के लिए 55 करोड़ डॉलर जुटाये, इंडियन आयल कॉरपोरेशन ने कार्यशील पूंजी कर्ज के रूप में 40 करोड़ डॉलर, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी ने उप ऋण (सब-लेंडिंग) के लिए 40 करोड़ डॉलर जुटाये और महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज ने उप ऋण के लिए 30 करोड़ डॉलर जुटाये. इसके अलावा, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस ने 20 करोड़ डॉलर, एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी ने 14.07 करोड़ डॉलर ओर बार्कलेज ग्लोबल सर्विसेज सेंटर ने 13.01 करोड़ डॉलर जुटाये.
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