वर्ष 2030 तक विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा भारत : अरुण जेटली
नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि वर्ष 2030 तक बढ़ती खपत और निवेश वृद्धि के साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा दस हजार अरब डालर तक पहुंच जायेगा और तब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. जेटली ने यहां श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि वर्ष 2030 तक बढ़ती खपत और निवेश वृद्धि के साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा दस हजार अरब डालर तक पहुंच जायेगा और तब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. जेटली ने यहां श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था का आकार 2900 अरब डॉलर है.
जेटली भी इस कॉलेज के छात्र रह चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘डॉलर की स्थिति के हिसाब से हम अभी पांचवें और छठे पायदान के बीच झूल रहे हैं. जब हम आने वाले वर्षों की तरफ नजर दौड़ाते हैं तो हम 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर तथा 2030 या 2031 तक 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेंगे.’
जेटली ने कहा, ‘जब हम अमेरिका और चीन के साथ दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगे, तब निश्चित तौर पर हम तीन बड़ी अर्थव्यवस्थायें ऐसी प्रतिस्पर्धा में होंगे जहां हर कोई एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रहा होगा. कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था का आकार और अवसर बढ़ने वाले हैं.’
अगले 20 साल के दौरान आर्थिक वृद्धि के अग्रणी क्षेत्रों का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि बुनियादी संरचना का सृजन, ग्रामीण क्षेत्र का विस्तार और लैंगिक समानता सहित अन्य चीजें इसमें शामिल होंगी. जेटली ने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर देश की 21.90 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर कर रही थी. वृद्धि की मौजूदा दर के आधार पर गणना करें तो यह अनुपात और कम होकर 17 प्रतिशत पर आ गया होगा.
यह 2021 तक और कम होकर 15 प्रतिशत पर तथा 2024-25 तक 10 प्रतिशत से भी नीचे आ जायेगा. वित्तमंत्री ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि इसी के साथ देश में मध्यम वर्ग की आबादी 2015 के 29 प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत पर पहुंच जायेगी. उन्होंने कहा, ‘इस कारण जब आप आगे देखते हैं तो आपको गरीबी समाप्त होती दिखाई देगी, आपको मध्यम वर्ग की शानदार वृद्धि दिखाई देगी और संभवत: 2030 तक देश की आधी आबादी मध्यम वर्ग की श्रेणी में होगी.’
उन्होंने कहा कि यदि आंकड़ों पर गौर किया जाये तो जब 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे तब देश में मध्यम वर्ग की आबादी गरीबी रेखा के नीचे के रह गये लोगों के मुकाबले चार गुणा अधिक होगी और तब यह देखने की बात होगी कि सामाजिक संवाद क्या होगा. जनता के बीच किस तरह की चर्चा होगी.
जेटली ने कहा कि मध्यम वर्ग के लोगों की बढ़ती संख्या से उपभोग को समर्थन मिलेगा. ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में बुनियादी संरचना के सृजन से वृद्धि की प्रक्रिया को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बुनियादी संरचना ओर रेलवे जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत होगी.
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