सेवाकर, उत्पाद शुल्क चोरी पकडने के लिए नई खुफिया यूनिटें, 800 कर्मचारी
नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने उत्पाद एवं सेवा कर में अपवंचना रोकने के लिए कुछ नई खुफिया इकाइयों के गठन तथा 800 से अधिक अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेवा कर राजस्व में बढोतरी की उम्मीद के बीच मंत्रालय ने केंद्रीय उत्पाद खुफिया महानिदेशालय :डीजीसीईआई: के […]
नयी दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने उत्पाद एवं सेवा कर में अपवंचना रोकने के लिए कुछ नई खुफिया इकाइयों के गठन तथा 800 से अधिक अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेवा कर राजस्व में बढोतरी की उम्मीद के बीच मंत्रालय ने केंद्रीय उत्पाद खुफिया महानिदेशालय :डीजीसीईआई: के पुनर्गठन का भी फैसला किया है. डीजीसीईआई उत्पाद एवं सेवा शुल्क में चोरी पर नजर रखता है.
सूत्रों ने बताया कि डीजीसीईआई की तीन और जोनल इकाइयां लखनउ, भोपाल व हैदराबाद में रहेंगी. इन तीन जोनल इकाइयों की तीन क्षेत्रीय इकाइयां भी होंगी.वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार ने उत्पाद एवं सेवा शुल्क की चोरी रोकने के लिए कुल 9 जोनल इकाइयों व 27 क्षेत्रीय इकाइयों की मंजूरी दी है.’’ फिलहाल डीजीसीईआई की 6 जोनल व 18 क्षेत्रीय इकाइयां हैं.
अधिकारी ने बताया कि नई जोनल इकाइयों, क्षेत्रीय इकाइयों व डीजीसीईआई की मौजूदा शाखाओं में 828 कर्मचारियों की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है. यह कदम सेवा क्षेत्र में वृद्धि तथा कर योग्य सेवाओं की संख्या के इजाफे के मद्देनजर उठाया गया है. सूत्रों ने कहा कि सेवा क्षेत्र ने कर संग्रहण के क्षेत्र में काफी क्षमता दिखाई है, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र का पूरी तरह दोहन नहीं हो पाया है.
सकल कर राजस्व में सेवा कर का योगदान मात्र 13 फीसद है. वहीं देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर ही हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से अधिक है. अंतर मंत्रालय नोट में कहा गया है कि ऐसे में सेवा कर से संबंधित मामलों के लिए ऐसे में अधिक श्रमबल की जरुरत है.
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