वाशिंगटन : लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला की समस्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि जब तक वैश्विक समुदाय वेनेजुएला की सरकार को मान्यता नहीं देता, हम न तो उनसे संपर्क करेंगे और न ही देश को संस्थान के पास पड़े उसके मुद्रा भंडार से कोई लेन-देन करायेंगे. वेनेजुएला का नेतृत्व जनवरी से उस समय से सवालों के घेरे में है, जब देश की खराब होती आर्थिक स्थिति के लिए विपक्ष के नेता जुआन गुआइदो ने समस्याओं में फंसे राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को चुनौती दी.
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आईएमएफ प्रवक्ता ने बुधवार को एएफपी से कहा कि वेनेजुएला के आग्रह पर वित्तीय लेन-देन पर प्रतिक्रिया समेत उसके साथ किसी प्रकार का गठजोड़ सरकार को मान्यता का मुद्दा स्पष्ट होने पर निर्भर करेगा. उसने कहा कि हम इस मामले में अपने सदस्यों के विचारों से निर्देशित हैं. अमेरिका समेत कुछ 50 देश गुआइदो को मान्यता देते हैं, जो विपक्ष के नेता हैं. उन्होंने मादुरो को पद से बेदखल करने के लिए स्वयं को राष्ट्रपति घोषित किया है.
गुआइदो ने मादुरो की सरकार को अवैध बताया है, क्योंकि उनका कहना है कि पिछले साल हुए चुनाव में धोखाधड़ी हुई, जिसमें मादुरो को एक और कार्यकाल के लिए चुना गया. वहीं, मादुरो को रूस और चीन का समर्थन है, लेकिन देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के साथ उन पर दबाव बढ़ रहा है. इससे पहले, आईएमएफ ने कहा था कि उसे अपने सदस्यों के वेनेजुएला सरकार को मान्यता देने के निर्णय की प्रतीक्षा है.
बता दें कि मुद्राकोष के सभी 189 सदस्यों को आईएमएफ के पास न्यूनतम मात्रा में विदेशी मुद्रा भंडार रखनी होती है, लेकिन सरकार के मान्यता के मसले को लेकर न तो मादुरो और न ही गुआइदो की इस कोष तक पहुंच होगी.
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