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बैंकों ने नहीं दिया 400 करोड़, आज से जेट अस्थायी तौर पर बंद, नहीं भरेगी उड़ान

मुंबई : पिछले चार साल से नकदी के संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने बुधवार आधी रात से विमानों का परिचालन अस्थायी तौर पर बंद करने की घोषणा की. बैंकों द्वारा 400 करोड़ रुपये का इमर्जेंसी फंड देने से इनकार करने के बाद कंपनी ने कहा कि सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बुधवार […]

मुंबई : पिछले चार साल से नकदी के संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने बुधवार आधी रात से विमानों का परिचालन अस्थायी तौर पर बंद करने की घोषणा की. बैंकों द्वारा 400 करोड़ रुपये का इमर्जेंसी फंड देने से इनकार करने के बाद कंपनी ने कहा कि सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बुधवार आधी रात से तत्काल प्रभाव से रद्द किया जा रहा है.

पिछले चार साल से नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी ने कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये इमर्जेंसी फंड की मांग की थी, लेकिन एसबीआइ की अगुआई वाले कर्जदाताओं के समूह ने कंपनी का प्रस्ताव ठुकरा दिया. कर्मचारियों को सैलरी और पट्टे के विमानों का किराया न चुका पाने के कारण उसकी उड़ानें सीमित रह गयी थी. अब कंपनी के पास शटरडाउन के अलावा विकल्प नहीं बच गया था.

जेट ने अपनी आखिरी फ्लाइट 2230 बजे अमृतसर हवाईअड्डे से नयी दिल्ली के लिए भरी. कंपनी ने जल्द ही फिर यात्रियों की सेवा कर पाने की उम्मीद जतायी है. जेट एयरवेज ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है कि हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने के लिए मजबूर हैं. कर्जदाताओं और अन्य किसी भी स्रोत से इमर्जेंसी फंड नहीं मिलने से ईंधन और दूसरी अहम सेवाओं का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से एयरलाइन अपने परिचालन को जारी रखने में सक्षम नहीं हो पायेगी.

एसबीआई ने बैंकों के ऋणदाता समूह की ओर से मंगलवार देर रात जेट एयरवेज को सूचित कर दिया था कि वह एयरलाइन की अंतरिम कोष उपलब्ध कराने के आग्रह पर विचार करने में असमर्थ है. मंगलवार को हुई बैठक में बोर्ड ने सीइओ विनय दुबे को आखिरी फैसला लेने के लिए अधिकृत किया था. कर्ज में फंस चुकी कंपनी के पांच ही विमान इस समय संचालन में रह गये थे. कंपनी पर आठ हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है.

सरकार बोली- नियमों के तहत करेंगे मदद

संकटग्रस्त जेट एयरवेज के अपना परिचालन बुधवार मध्यरात्रि से स्थगित करने की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही सरकार ने कहा कि वह एयरलाइन की समाधान प्रक्रिया का मौजूदा नियामकीय ढांचे के दायरे में समर्थन करेगी.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और दूसरे नियामक सावधानीपूर्वक स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. ट्वीट के जरिये नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि एयरलाइन ने अपने परिचालन को अस्थाई तौर पर बंद करने के बारे में उसे सूचित किया है. मंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा कि बैंकों के समूह द्वारा चलायी जा रही समाधान प्रक्रिया अभी भी जारी है और इसके 10 मई तक समाप्त होने की उम्मीद है.

20 हजार नौकरियों पर संकट

जेट एयरवेज अगर बंद होती है तो इसमें काम कर रहे 20 हजार लोगों की नौकरी चली जायेगी. एयरलाइन के द्वारा पहले ही 18 अप्रैल तक अपने सभी अंतरराष्ट्रीय संचालन को निलंबित करने के बाद कंपनी में काम रहे लोगों के संबंधी कंपनी को इमर्जेंसी फंड मिल जाने की दुआ कर रहे थे.

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