नयी दिल्ली : आर्थिक संकट से जूझ रही निजी विमानन कंपनी जेट एयरवज के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर सवाल पूछा है कि कंपनी के संस्थापक बीते ढाई दशक से कंपनी का संचालन कर रहे थे, तो उन्हें कंपनी से बाहर करने की साजिश क्यों की गयी? आर्थिक संकट की वजह से बुधवार से इस निजी विमानन कंपनी का परिचालन बंद हो गया है. हालांकि, परिचालन बंद होने की सूचना से गुरुवार को घरेलू शेयर बाजारों में इसके शेयर करीब 30 फीसदी लुढ़क गये.
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जेट कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष किरण पावसकर ने मीडिया को बताया कि कंपनी के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा कि कंपनी के करीब 16 हजार कर्मचारी बिना काम के बैठे हैं और फिलहाल, नौकरी की कोई सुरक्षा नहीं है. पावसकर ने कंपनी के संस्थापक नरेश गोयल को हटाये जाने पर भी सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा है कि कंपनी अच्छी थी, तो नरेश गोयल को क्यों निकाला गया? उन्होंने कहा कि नरेश गोयल ने ढाई दशक तक कंपनी को चलाया, तो उन्हें निकालने का षडयंत्र क्यों रचा गया?
ऋणदाताओं को बोली प्रक्रिया के सफल रहने की उम्मीद : उधर, जेट एयरवेज के ऋणदाताओं ने हिस्सेदारी की बिक्री के लिए बोली प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरी होने की गुरुवार को उम्मीद जाहिर की. नकदी संकट से जूझ रहे एयरलाइन के अपनी सेवाओं को निलंबित करने के बाद कर्ज देने वालों ने ये आशा प्रकट की है. गुरुवार तड़के ऋणदाताओं ने यह घोषणा की. बयान में कहा गया कि काफी विचार-विमर्श के बाद ऋणदाताओं ने तय किया कि जेट एयरवेज के अस्तित्व को बचाने का सबसे अच्छा तरीका संभावित निवेशकों से पक्की बोलियां प्राप्त करना है, जिन्होंने ईओआई (रुचि पत्र) जमा कराया है और जिन्हें 16 अप्रैल को बोली दस्तावेज जारी किये थे.
26 ऋणदाताओं ने बोलियां मंगायी हैं : भारतीय स्टेट बैंक (सीबीआई) के नेतृत्व में 26 ऋणदाताओं के एक संघ ने संभावित निवेशकों से बोलियां मंगायी हैं. बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की त्वरित ऋण सहायता उपलब्ध कराने से इनकार किये जाने के बाद एयरलाइन ने यह घोषणा की थी.
डीजीसीए ने मांगी जेट एयरवेज से भरोसेमंद पुनरुद्धार योजना : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज को ठोस और भरोसेमंद पुनरुद्धार योजना पेश करने को कहा है. हालांकि, डीजीसीए ने नियामकीय दायरे में रहते हुए एयरलाइन की मदद का भी भरोसा दिलाया है. संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज ने बुधवार को अपनी सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की थी.
नियामकीय प्रक्रिया के तहत उठाया जायेगा कदम : डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नियामक संबद्ध नियमनों के तहत प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए कदम उठायेगा. कई सप्ताह तक चली अनिश्चितता के बाद जेट एयरवेज ने बुधवार को अपना परिचालन अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की. एयरलाइन ने बैंकों से आपात कोष मांगा था, लेकिन वित्तीय मदद नहीं मिलने के बाद उसके समक्ष परिचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.
एयरलाइन का दोबारा शुरू किया जायेगा परिचालन : एक अधिकारी ने कहा कि डीजीसीए कंपनी से एक पुख्ता और भरोसेमंद योजना सौंपने को कह रहा है ताकि एयरलाइन का परिचालन फिर शुरू किया जा सके. अधिकारी ने कहा कि डीजीसीए नियामकीय दायरे में रहते हुए कंपनी को परिचालन शुरू करने में हरसंभव मदद करेगा. वहीं, ऋणदाता संकट में फंसी एयरलाइन की हिस्सेदारी बिक्री के लिए बोली प्रक्रिया में हैं. एयरलाइन पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज का बोझ है.
असुविधा के बावजूद यात्रियों ने कहा, जेट की उड़ानों को ‘मिस’ करेंगे : जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान बोइंग 737 गुरुवार तड़के अमृतसर से मुंबई हवाई अड्डे पर उतरी. लगभग 26 साल पहले जेट की पहली उड़ान एयर टैक्सी परिचालक के रूप में यहां से अहमदाबाद के लिए रवाना हुई थी. जेट का विमान वीटी-एसजेआई (उड़ान संख्या एस2 3502) बुधवार को रात 10.24 बजे अमृतसर से रवाना होकर गुरुवार 12.22 बजे छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं. यह विमान पूर्ववर्ती सहारा एयरलाइंस का है. जेट एयरवेज ने सहारा एयरलाइंस का 2007 में अधिग्रहण किया था.
लुधियाना निवासी एक यात्री अमरजीत सिंह ने कहा कि मैं ज्यादातर जेट की उड़ान ही लेता हूं. कल रात जब अमृतसर में मैं जेट की उड़ान पर सवार हुआ, तो मुझे बताया गया कि यह एयरलाइन की आखिरी उड़ान है. पेशे से ट्रांसपोर्टर सिंह ने हालांकि उम्मीद जतायी कि एयरलाइन का परिचालन जल्द शुरू हो पायेगा. एक अन्य यात्री शरीफ अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें दुख है कि एयरलाइन बंद हो रही है. अब्दुल्ला होटल चेन चलाते हैं. एयरलाइन की सेवाएं अचानक बंद होने से लोगों को परेशानी भी हुई.
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