नयी दिल्ली : कर्ज तले दबी रुचि सोया के ऋणदाता खाद्य तेल कंपनी के अधिग्रहण के लिए बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की संशोधित बोली पर शुक्रवार को विचार करेंगे. सूत्रों ने यह जानकारी दी. पतंजलि ने पिछले महीने रुचि सोया के लिए अपनी बोली को करीब 200 करोड़ रुपये बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये किया था. इससे पहले पतंजलि ने 4,160 करोड़ रुपये की पेशकश की थी.
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सूत्रों के मुताबिक, ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) पतंजलि की संशोधित बोली पर विचार-विमर्श के लिए शुक्रवार को बैठक करेगी. रुचि सोया की अधिग्रहण प्रक्रिया में अडाणी विल्मर सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी थी. हालांकि, उसने समाधान प्रक्रिया में देरी का हवाला देते हुए अधिग्रहण से हाथ पीछे खींच लिया था.
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने दिसंबर, 2017 में ऋणदाता स्टैण्डर्ड चार्टर्ड और डीबीएस बैंक के आवेदन पर रुचि सोया को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता प्रक्रिया के लिए भेजा था. दिवाला प्रक्रिया और कंपनी के कामकाज के प्रबंधन के लिए शैलेंद्र अमरेजा को समाधान पेशवर नियुक्त किया गया था. रुचि सोया पर करीब 12,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी के कई विनिर्माण संयंत्र हैं और उसके पास न्यूट्रेला, महाकोश, सनरिच, रुचि स्टार और रुचि गोल्ड जैसे ब्रांड हैं.
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