Facebook ने नफरत को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को डैंजर्स परसन की लिस्ट में डाला
सैन फ्रांसिस्को : नफरत और कट्टरता को बढ़ावा देने वाले पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कई साल तक दबाव में रहे सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने लुई फराखान, एलेक्स जोन्स और अन्य अतिवादियों को प्रतिबंधित कर दिया है. फेसबुक का कहना है कि इन लोगों ने कंपनी के ‘खतरनाक व्यक्तियों’ पर इसके प्रतिबंध का […]
सैन फ्रांसिस्को : नफरत और कट्टरता को बढ़ावा देने वाले पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कई साल तक दबाव में रहे सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने लुई फराखान, एलेक्स जोन्स और अन्य अतिवादियों को प्रतिबंधित कर दिया है. फेसबुक का कहना है कि इन लोगों ने कंपनी के ‘खतरनाक व्यक्तियों’ पर इसके प्रतिबंध का उल्लंघन किया था.
इसे भी देखें : फेसबुक, गूगल पर आपत्तिजनक ऑनलाइन सामग्री पर कार्रवाई के लिए बढ़ा दबाव
कंपनी ने जोन्स की साइट इन्फोवार्स के साथ-साथ दक्षिणपंथी विचारधारा वाले पॉल नेहलेन, मिलो यिआनोपूलस, पॉल जोसेफ वाटसन और लौरा लूमर को भी प्रतिबंधित किया, जो अक्सर षड्यंत्रकारी सिद्धांतों वाले पोस्ट करते थे. हालिया प्रतिबंध फेसबुक की मुख्य सेवा और इंस्टाग्राम दोनों पर लागू होंगे तथा इसके विस्तारित फैन पेज एवं अन्य संबंधित अकांउट पर भी लागू होंगे. फेसबुक ने यह कदम नफरत फैलाने और नस्लीय भावना को भड़काने वाली आपत्तिजनक सामग्री को बढ़ावा देने वाले समूहों एवं लोगों को हटाने के अपने प्रयासों के तहत उठाया है.
सदर्न पॉवर्टी लॉ सेंटर के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक कीगन हैंक्स ने कहा कि हमें मालूम है कि अब भी श्वेत यहूदीवादी और अन्य चरमपंथी मौजूद हैं, जो नफरत फैलाने और कट्टरता को बढ़ावा देने के लिए दोनों मंचों का सक्रिय रूप से इस्तेमाल करते हैं. फेसबुक के पूर्व अधिकारी और हार्वर्ड में इंटरनेट नीति विशेषज्ञ दीपायन घोष ने कहा कि यह प्रतिबंध कोई बड़ा कदम नहीं है, क्योंकि फेसबुक बस इसे चित्रित करता प्रतीत हो रहा है और वह अपनी मौजूदा नीति को महज पुख्ता कर रहा है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.