नयी दिल्ली : निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक का एकीकृत शुद्ध मुनाफा 2018-19 की चौथी तिमाही में 2.45 फीसदी बढ़कर 1,170 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. हालांकि, बैंक का एकल मुनाफा इस दौरान कम हुआ है. वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही में बैंक को 1,142 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था. इस दौरान एकल आधार पर मुनाफा 1,020 करोड़ रुपये से कम होकर 969 करोड़ रुपये पर आ गया.
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बैंक की ओर से सोमवार को जारी नतीजों के अनुसार, उसके एकल मुनाफे में करीब करीब आधा हिस्सा हाल में कर रिफंड पर मिले 440 करोड़ रुपये के ब्याज का योगदान है. पूरे समूह के लाभ में 498 करोड़ रुपये अनुषंगियों के माध्यम से हुआ. बैंक ने कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी एकीकृत आय 33,760.07 करोड़ रुपये से बढ़कर 36,784.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. इस दौरान बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. बैंक की एकीकृत गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 8.84 फीसदी से गिरकर 6.70 फीसदी पर आ गयी. शुद्ध एनपीए भी 4.77 फीसदी से कम होकर 2.06 फीसदी पर आ गया.
बैंक के विनिर्दिष्ट कार्यकारी निदेशक संदीप बत्रा का मानना है कि हम संपत्ति की गुणवत्ता का वर्तमान चक्र खत्म हो चुका है. एनपीए के आगे न बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि एनपीए के लिए जाने वाले प्रावधान की लागत अभी 3.50 फीसदी के उच्च स्तर पर है, लेकिन इसमें सुधार होगा और यह वित्त वर्ष 2019-20 के बाद सामान्य स्तर पर आ जायेगी. एनपीए बढ़ने से पहले यह लागत एक से 1.20 फीसदी हुआ करती थी.
बैंक की अनुषंगियों में सामान्य बीमा इकाई की शुद्ध आय आलोच्य तिमाही के दौरान आठ फीसदी बढ़कर 228 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. हालांकि, जीवन बीमा इकाई की आय कम होकर 261 करोड़ रुपये पर आ गयी. आलोच्य तिमाही के दौरान ब्याज से हुई शुद्ध आय 27 फीसदी बढ़कर 7,620 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी.
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