अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ड्रैगन पर आरोप, चीन की वजह से सिरे नहीं चढ़ सकी व्यापार वार्ता
वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप ने शुल्क नीति का बचाव किया और चीन पर व्यापार वार्ता के विफल होने का दोष मढ़ा है. उन्होंने जोर दिया कि व्यापार वार्ता वैसी ही रही, जैसी हम चाहते थे. चीन और अमेरिका के बीच व्यापार मोर्चे पर चल रही बातचीत बिना किसी समझौते के खत्म होने […]
वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्ंरप ने शुल्क नीति का बचाव किया और चीन पर व्यापार वार्ता के विफल होने का दोष मढ़ा है. उन्होंने जोर दिया कि व्यापार वार्ता वैसी ही रही, जैसी हम चाहते थे. चीन और अमेरिका के बीच व्यापार मोर्चे पर चल रही बातचीत बिना किसी समझौते के खत्म होने के बाद दोनों देश एक बार फिर व्यापार युद्ध में उलझ गये हैं.
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चीन के साथ व्यापार वार्ता विफल रहने के बीच ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले 200 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया. ये दरें शुक्रवार से लागू हो गयीं. अमेरिका चीन से होने वाले शेष 300 अरब डॉलर के आयात पर भी इसी प्रकार से शुल्क बढ़ाने की तैयारी में है. ट्रंप ने अपने ट्वीट में चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया.
ट्रंप ने चीनी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाने के अपने फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि हम सही हैं, हमें चीन के साथ जहां होना चाहिए, हम वहीं हैं. याद रखिये, चीन ने हमारे साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत को तोड़ा है और फिर से बातचीत की कोशिश की. उन्होंने कहा कि चीन से आयातित उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने से अमेरिका को काफी राजस्व मिलेगा.
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें चीन से शुल्क के रूप में कई अरब डॉलर मिलेंगे. चीन से उत्पादों के खरीदार इन उत्पादों को खुद अमेरिका में बना सकते हैं या फिर जिन देशों पर शुल्क नहीं लगाया गया है, उनसे खरीद सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने जोर दिया कि चीन ने अपनी नीतियों में अचानक बदलाव इसलिए किया, क्योंकि उसे लगता है कि 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता व्हाइट हाउस में उनकी जगह ले लेंगे.
ट्रंप ने कहा कि चीन सपना देख रहा है कि जो बिडेन या कोई और 2020 में अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाये, ताकि वह (चीन) आसानी से अमेरिका का अनुचित लाभ उठा सकें. ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने फॉक्स न्यूज को बताया कि बढ़े हुए करों का भुगतान अमेरिका के उपभोक्ताओं को करना होगा. उन्होंने कहा कि चीन शुल्क नहीं दे रहा है, वास्तव में अमेरिकी आयातक, अमेरिकी कंपनियां करों का भुगतान कर रही हैं.
ट्रंप ने चीन और अमेरिका के शीर्ष वार्ताकारों के बीच हुई बैठक बिना किसी समझौते के समाप्त होने के बाद यह कदम उठाया. दोनों देशों के बीच 11वें दौर की बैठक शुक्रवार को बिना किसी समझौते के खत्म हुई. हालांकि, चीन के उप-प्रधानमंत्री और चीन की ओर से पेश शीर्ष वार्ताकार लियू ही ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता टूटी नहीं है.
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