नयी दिल्ली : चीन के साथ अमेरिका के छिड़े व्यापार युद्ध के बीच खबर यह है कि अमेरिका से भारत में आयात किये जाने वाले उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने की समयसीमा एक महीना और आगे खिसक सकती है. भारत ने अमेरिका से आयात होने वाले 29 उत्पादों की शुल्क बढ़ाने के लिए पहचान की है. इसमें अखरोट, बादाम और दालें शामिल हैं. इस संबंध में पिछली बार बढ़ायी गयी समयसीमा 16 मई को समाप्त हो रही है.
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आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय को समयसीमा बढ़ाने के बारे में जरूरी अधिसूचना जारी करने का सुझाव दिया है. पिछले साल जून के बाद से अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर जवाबी शुल्क लगाने के बारे में समयसीमा को कई बार बढ़ाया जा चुका है. अमेरिका ने पिछले साल भारत सहित विदेशों से आयात होने वाले इस्पात और एल्यूमीनियम के उत्पादों पर ऊंचा सीमा शुल्क लगा दिया था.
अमेरिका की इसी कार्रवाई के जवाब में भारत ने भी अमेरिका से आयात होने वाले कुछ उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने का फैसला किया, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया. भारत ने यह फैसला ऐसे समय किया है, जब अमेरिका ने भारतीय निर्यातकों को दी गयी सामान्यीकृत तरजीही व्यवस्था (जीएसपी) के फायदों को वापस लेने का फैसला किया है.
अमेरिका ने इस मामले में 60 दिन का नोटिस दिया था, जो दो मई को समाप्त हो गया, लेकिन अभी तक प्रणाली के तहत दिये गये लाभ वापस नहीं लिये गये. अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की यहां छह मई को द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें व्यापार से जुड़े मुद्दों पर बातचीत हुई.
अमेरिका मानता है कि भारत में कागज और हर्ले डेविडसन मोटरसाइकिल जैसे उसके उत्पादों पर ऊंचा आयात शुल्क लगाया जाता है. अमेरिका भारत में अपने कृषि उत्पादों, डेयरी सामान, चिकित्सा उपकरणों के लिए शुल्कों में कटौती चाहता है. वहीं, भारत चाहता है कि अमेरिका उसके इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों पर लगाया गया ऊंचा शुल्क वापस ले तथा कृषि, आटोमोबाइल कलपुर्जों के लिये अमेरिका बाजार को अधिक खुला बनाये.
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