रियाद : सऊदी अरब ने अपने दो टैंकरों तथा एक प्रमुख पाइपलाइन पर हुए हमलों को बुधवार को वैश्विक कच्चा तेल आपूर्ति की सुरक्षा पर हमला करार दिया. यमन के ईरान समर्थित यमन के विद्रोहियों ने मंगलवार को पाइपलाइन पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है. इससे पहले रविवार को चार तेल टैंकरों को निशाना बनाया गया था, जिनमें दो टैंकर सउदी अरब के हैं.
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सउदी अरब के सुल्तान सलमान ने इस बारे में मंगलवार की शाम जेद्दा में एक बैठक की. इसके बाद सउदी अरब ने एक बयान में कहा कि मंत्रिमंडल यह मानती है कि आतंकवाद और तोड़-फोड़ की ये घटनाएं न केवल सल्तनत के खिलाफ है, बल्कि यह वैश्विक कच्चा तेल आपूर्ति की सुरक्षा एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी हमला है.
मंगलवार को हुए ड्रोन हमले में सउदी अरब के पूर्वी-पश्चिमी पाइपलाइन के दो पंपिंग स्टेशन को निशाना बनाया गया. यह पाइपलाइन प्रति दिन 20 लाख बैरल कच्चा तेल की आपूर्ति कर सकता है. पाइपलाइन फारस की खाड़ी से जहाजों के आने-जाने का हरमुज जलडमरूमध्य का रास्तार बंद होने की स्थिति में सउदी अरब इस पाइपलाइन के जरिये तेल की आपूर्ति जारी रख सकती है.
इससे पहले रविवार को हुए हमले में जिन चार टैंकरों को निशाना बनाया गया, उनमें सउदी अरब के दो टैंकर अल-मर्जुका और अमजद भी शामिल रहा. सउदी अरब अभी प्रति दिन करीब 100 लाख बैरल कच्चा तेल का उत्पादन करता है, जिनमें करीब 70 लाख बैरल कच्चा तेल का निर्यात किया जाता है.
अभी सऊदी अरब का अधिकांश कच्चा तेल जिसका निर्यात किया जाना है, सल्तनत के खाड़ी तट के टर्मिनलों में फंसा हुआ है तथा इन्हें हर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते से निकाला जाना होगा. अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच ईरान ने सैन्य तनाव होने की स्थिति में हर्मुज जलडमरूमध्य का रास्ता बंद करने की धमकी है.
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