Jet Airways की उड़ानें बंद होने से अप्रैल में IOC को लगा करारा झटका, जानिये कैसे…?
नयी दिल्ली : नागरिक उड्डयन क्षेत्र में चल रही उठापटक का असर पेट्रोलियम कंपनियों को भी झेलना पड़ रहा है. जेट एयरवेज के धराशायी होने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की विमान ईंधन की मांग अप्रैल महीने में घट गयी. हालांकि, बाद में इसमें सुधार आ गया और अब यह पुराने […]
नयी दिल्ली : नागरिक उड्डयन क्षेत्र में चल रही उठापटक का असर पेट्रोलियम कंपनियों को भी झेलना पड़ रहा है. जेट एयरवेज के धराशायी होने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की विमान ईंधन की मांग अप्रैल महीने में घट गयी. हालांकि, बाद में इसमें सुधार आ गया और अब यह पुराने स्तर पर लौट आयी है. इंडियन ऑयल जेट एयरवेज को हर महीने करीब 75,000 टन एटीएफ की आपूर्ति करती थी.
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इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के निदशेक (विपणन) गुरमीत सिंह ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि जेट एयरवेज को 85 फीसदी विमान ईंधन की आपूर्ति इंडियन ऑयल करता रहा है. अप्रैल महीने में जेट एयरवेज की उड़ानें एक-एक कर बंद होने की वजह से इंडियन ऑयल के कारोबार पर भी असर पड़ा. अप्रैल, 2019 में आईओसी की विमान ईंधन मांग में करीब 10 हजार टन की कमी आयी.
उल्लेखनीय है कि कर्ज बोझ तले दबी निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी उड़ाने अस्थायी तौर पर बंद कर दीं. यह पिछले 25 साल से सेवा में थी और इसके पास 100 से अधिक विमानों का बेड़ा था. गुरमीत सिंह ने कहा कि जेट एयरवेज को 75,000 टन मासिक विमान ईंधन की आपूर्ति की जाती थी.
विमानन कंपनी को उसकी कुल मांग का 85 फीसदी आईओसी करती रही है, लेकिन अप्रैल महीने में एक-एक कर उसकी उड़ानें बंद होने से आईओसी की विमान ईंधन आपूर्ति करीब 10 हजार टन कम रही. हालांकि, इसके बाद दूसरी विमानन कंपनियों की उड़ानें बढ़ने से इसकी भरपाई हो गयी.
जेट एयरवेज पर ईंधन आपूर्ति के बकाये के बारे में पूछे जाने पर गुरमीत सिंह ने कहा कि कंपनी पर इंडियन ऑयल का कोई बकाया नहीं है. करीब 1,050 करोड़ रुपये का बकाया रह गया था, जिसे बैंक गारंटी भुनाकर वसूल लिया गया है. उन्होंने बताया कि इंडियन ऑयल हर महीने करीब 4,00,000 टन विमान ईंधन की आपूर्ति करती है.
घरेलू विमानन क्षेत्र में इंडियन ऑयल 68 फीसदी विमान ईंधन की आपूर्ति करता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र में उसकी 46 फीसदी के करीब बाजार हिस्सेदारी है. जेट एयरवेज के अलावा एयर इंडिया और दूसरी विमानन कंपनियों को भी आईओसी ‘एवियशन टरबाइन फ्यूल’ (एटीएफ) की आपूर्ति करती है.
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