PM Modi की शानदार जीत से अर्थव्यवस्था में नयी किरण की उम्मीद, GDP ग्रोथ कायम रहने का अनुमान
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आम चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का शानदार जीत की ओर बढ़ना इस बात का संकेत है कि वृहद आर्थिक नीति अगले पांच साल तक जारी रहेगी. ब्रोकरेज और अर्थशास्त्रियों ने गुरुवार को कहा कि नयी सरकार के समक्ष मुख्य चुनौती आर्थिक सुधारों को जारी […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आम चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का शानदार जीत की ओर बढ़ना इस बात का संकेत है कि वृहद आर्थिक नीति अगले पांच साल तक जारी रहेगी. ब्रोकरेज और अर्थशास्त्रियों ने गुरुवार को कहा कि नयी सरकार के समक्ष मुख्य चुनौती आर्थिक सुधारों को जारी रखने की होगी.
इसे भी देखें : उद्योग जगत ने पीएम मोदी को दी जीत बधाई, दूसरी पारी में साहसिक सुधारों पर रहेगी पैनी नजर
आईएचएस मार्किट ने चुनाव नतीजों पर एक नोट में कहा कि राज्यसभा में अभी भाजपा के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में पार्टी के लिए विधायी सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाने में अड़चनें आयेंगी. चुनौतियों के बावजूद मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के लिए आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक है. 2019-23 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर औसत सात फीसदी रहने की उम्मीद है.
नोट में कहा गया है कि 2019 में भारत के दुनिया का पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है और जीडीपी का आकार 3,000 अरब डॉलर को पार जायेगा. इससे भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा. 2025 तक भारत का जीडीपी जापान को पीछे छोड़ देगा और इससे भारत एशिया प्रशांत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा.
डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि नयी सरकार को मौजूदा वृद्धि की रफ्तार को रोकने वाली चुनौतियों से निपटना होगा. गोल्डमैन सॉक्स ने कहा कि हमें उम्मीद है कि नयी सरकार चार क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान देगी. इनमें कृषि और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में सुधार, भूमि की पारदर्शी नीलामी, रिकॉर्डों का डिजिटलीकरण, निजीकरण, श्रम क्षेत्र में नियामकीय ढांचा तैयार करना तथा निर्यात संवर्द्धन शामिल हैं.
यस बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री शुभदा राव ने कहा कि सरकार को इस राजनीतिक अवसर का लाभ उठाते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और तेजी से निजीकरण और सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए. इससे न केवल राजकोषीय लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी बल्कि सरकारी बैंकों की दक्षता भी बढ़ायी जा सकेगी. राव ने कहा कि इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का विस्तार करते हुए इसके दायरे में रीयल एस्टेट, ईंधन उत्पाद, तंबाकू और शराब उत्पादों को लाया जाना चाहिए.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.