इलेक्शन खत्म होते ही बढ़ गया ईंधन का पारा, नौ दिनों में 70- 80 पैसे प्रति लीटर बढ़ी पेट्रोल-डीजल की कीमतें
नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल के दाम आम चुनाव का अंतिम चरण समाप्त होने के बाद ही बढ़ने शुरू हो गये थे. पिछले नौ दिनों में इनके दाम में 70 से 80 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं. ईंधन के दाम में 20 मई से वृद्धि हो रही है. लोकसभा चुनावों का अंतिम […]
नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल के दाम आम चुनाव का अंतिम चरण समाप्त होने के बाद ही बढ़ने शुरू हो गये थे. पिछले नौ दिनों में इनके दाम में 70 से 80 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ चुके हैं. ईंधन के दाम में 20 मई से वृद्धि हो रही है. लोकसभा चुनावों का अंतिम चरण 19 मई को पूरा हुआ. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की अधिसूचनाओं के अनुसार, पेट्रोल पिछले नौ दिनों में 83 पैसे तथा डीजल 73 पैसे महंगा हुआ है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में वृद्धि के बावजूद अप्रैल और मई के दौरान कीमतें एक दायरे में रही.
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मंगलवार को पेट्रोल के दाम 11 पैसे और डीजल में 5 पैसे की वृद्धि हुई. इस वृद्धि के बाद पेट्रोल अब दिल्ली में 71.86 रुपये लीटर हो गया, जो 19 मई को 71.03 रुपये था. इसी प्रकार, डीजल की कीमतें 19 मई के 65.96 रुपये लीटर से बढ़कर 66.69 रुपये लीटर पर आ गया. इस वृद्धि के बाद मुंबई में पेट्रोल 77.47 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 69.88 रुपये लीटर पर पहुंच गया.
उद्योग जगत से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पहले चुनाव के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ईंधन के दाम पूरी तरह से स्थिर रखती रहीं हैं, लेकिन इस बार आम चुनावों के दौरान उन्होंने दोनों ईंधन के दाम में हल्की वृद्धि ही की. अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक, पेट्रोल, डीजल के दाम जितने बढ़ने चाहिए थे, उनका पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला गया. कंपनियां अब उसकी वसूली कर रही हैं.
सार्वजनिक क्षेत्र की इन कंपनियों ने इससे पहले कर्नाटक चुनाव के दौरान मई, 2018 में पेट्रोल-डीजल के दाम पूरी तरह स्थिर रखे, जबकि इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन का दाम करीब पांच डॉलर प्रति बैरल तक चढ़ गया था, लेकिन चुनाव खत्म होते ही पूरा बोझ ग्राहकों पर डॉलर दिया गया. दिंसबर, 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऐसा ही किया गया.
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