राजू और अन्य 4 पर सत्यम मामले में 14 साल का बैन, ब्याज के साथ 1859 करोड वसूलेगी सेबी
मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने देश के सबसे बडे कारपोरेट घोटाले में साढे पांच साल पुरानी अपनी जांच को पूरा करते हुए आज पूर्ववर्ती सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक बी रामलिंग राजू तथा चार अन्य पर 14 साल का प्रतिबंध लगा दिया. आदेश के अनुसार ये लोग अब 14 साल तक बाजार की […]
मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने देश के सबसे बडे कारपोरेट घोटाले में साढे पांच साल पुरानी अपनी जांच को पूरा करते हुए आज पूर्ववर्ती सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक बी रामलिंग राजू तथा चार अन्य पर 14 साल का प्रतिबंध लगा दिया. आदेश के अनुसार ये लोग अब 14 साल तक बाजार की किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकेंगे.
साथ ही उन्हें प्रतिभूतियों के कारोबार में गलत तरीके से कमाए गए 1849 करोड रुपये ब्याज सहित लौटाने का आदेश है. यह राशि 45 दिन में सेबी को जमा करानी होगी. इस पर 12 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज देना होगा जो कि सात जनवरी 2009 से लागू होगा. प्रतिबंध का सामना करने वाले अन्य लोगों में राजू के भाई बी रामा राजू (सत्यम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक), वलदमणि श्रीनिवास (पूर्व सीएफओ), जी रामकृष्ण (पूर्व अध्यक्ष) तथा वीएस प्रभाकर गुप्ता (आंतरिक आडिट के पूर्व प्रमुख) हैं.
सेबी ने 65 पन्ने के अपने आदेश में कहा है कि ये पांच लोगों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए एक सोची समझी चाल से एक सफेदपोश वित्तीय घपले को अंजाम दिया. सेबी की ओर से उसके पूर्णकालिक सदस्य राजीव कुमार अग्रवाल ने यह आदेश लिखा है. उन्होंने कहा कि बाजारों को कडा संदेश देने के लिए इस मामले में उपयुक्त कार्रवाई जरुरी है.
उल्लेखनीय है कि यह घपला सात जनवरी 2009 को राजू के एक पत्र से ही सामने आया था जो उन्होंने सेबी को लिखा. बाद में टेक महिंद्रा ने सत्यम कंप्यूटर्स का अधिग्रहण कर लिया और इसका नाम बदलकर महिंद्रा सत्यम कर दिया. इसका बाद में टेक महिंद्रा में विलय हो गया.
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