मुंबई : देश की आर्थिक वृद्धि दर मार्च में समाप्त तिमाही में धीमी रहने की संभावना के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि छह जून को आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक रेपो दरों में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है. विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह बात कही. शुक्रवार को ही वित्तवर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े आने हैं.
डीबीएस ग्रुप रिसर्च रिसर्च की रपट के अनुसार मार्च में समाप्त तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 फीसदी रहने की संभावना है. यह पिछली 7 तिमाहियों में सबसे कम है. पिछले साल इसी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 फीसदी थी. रपट में कहा गया है रिजर्व बैंक आगामी छह जून को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति जारी करेगा. यह मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा होगी.
वहीं, लोकसभा के चुनावों के बाद केंद्रीय बैंक की पहली कोई नीतिगत बैठक भी होगी. वर्ष 2019 में फरवरी और अप्रैल दोनों समय की मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान रिजर्व बैंक 0.25 फीसदी की कटौती की थी. रपट में उम्मीद जतायी गयी है कि जीडीपी के आंकड़ों को देखते हुए रिजर्व बैंक मौद्रिक समीक्षा नीति में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है.
इसके बाद रेपो दर 5.75 फीसदी रह जायेगी. इस प्रकार वर्ष 2019 में रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में कुल 0.75 फीसदी की कटौती हो जायेगी. 2019 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
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