नयी दिल्ली : इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और स्टील क्षेत्र के समय चुनौतियों की समीक्षा की. प्रधान ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को इस्पात मंत्रालय का पदभार संभाला. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि इस्पात मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की और रणनीतिक रूपरेखा और मुख्य कदमों पर चर्चा की. देश की अर्थव्यवस्था में इस्पात का बड़ा योगदान है. हम देश में इस उद्योग को और मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे.
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इस्पात मंत्रालय ने एक अलग ट्वीट में कहा कि केंद्रीय इस्पात मंत्री प्रधान और राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ मंत्रालय के कामकाज और क्षेत्र की गतिविधियों के संदर्भ में मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गयी. इस मौके पर इस्पात सचिव विनय कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. प्रधान के पास इस्पात मंत्रालय के अलावा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है.
भारतीय इस्पात उद्योग का दावा है कि क्षेत्र के सामने खासकर ईरान से बढ़ते आयात से खतरा है. शीर्ष उद्योग संगठन इंडियन स्टील एसोसिएशन (आईएसए) ने कहा कि अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार युद्ध (शुल्क युद्ध) से भारत में आयात बढ़ रहा है. इस्पात मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, तैयार इस्पात का आयात मार्च में 46 प्रतिशत उछलकर 7 लाख टन रहा.
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