बजट बनाने का काम शुरू, वित्त मंत्रालय में ‘संपर्क बंद”

नयी दिल्ली : मोदी 2.0 सरकार अपना पहला बजट पेश करने की तैयारी कर रही है और ऐसे में सोमवार से वित्त मंत्रालय में ‘क्वैरंटाइन’ लागू हो जायेगा जिसके तहत बजट बनाने में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों पर बाहरी लोगों से संपर्क पर पाबंदी लगा दी गयी है. यह पाबंदी पांच जुलाई को बजट पेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2019 4:50 PM

नयी दिल्ली : मोदी 2.0 सरकार अपना पहला बजट पेश करने की तैयारी कर रही है और ऐसे में सोमवार से वित्त मंत्रालय में ‘क्वैरंटाइन’ लागू हो जायेगा जिसके तहत बजट बनाने में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों पर बाहरी लोगों से संपर्क पर पाबंदी लगा दी गयी है. यह पाबंदी पांच जुलाई को बजट पेश होने तक लागू रहेगी. इस अवधि में आगंतुकों तथा मीडिया को वित्त मंत्रालय में नहीं आने दिया जायेगा.

आम चुनावों से पहले एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था. उसमें सरकार को सीमित अवधि के लिए खर्चों की राशि मंजूर की गयी थी. नयी सरकार सत्ता संभाल चुकी है. पूर्ण बजट नयी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐसे समय पेश करने जा रही हैं, जबकि आर्थिक वृद्धि दर सुस्त पड़कर पांच साल के निचले आ गयी है. सीतारमण की बजट टीम में वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भी शामिल हैं. आधिकारिक टीम की अगुवाई वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग कर रहे हैं. इस टीम में व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, दीपम के सचिव अतनु चक्रवर्ती और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार शामिल हैं. पूरी बजट प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए नॉर्थ ब्लॉक में कड़ी सुरक्षा व्यवस्थ होगी. निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाये जायेंगे और मंत्रालय में ज्यादातर कंप्यूटरों पर ई-मेल की सेवा ब्लॉक रहेगी.

क्वैरनटाइन की अवधि के दौरान मंत्रालय में प्रवेश या बाहर निकलने के सभी रास्तों पर सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे. दिल्ली पुलिस के सहयोग से खुफिया ब्यूरो (आईबी) के लोग बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के कमरों में जाने वाले लोगों पर निगाह रखेंगे. अपने पहले बजट में सीतारमण को अर्थव्यवस्था में सुस्ती, वित्तीय क्षेत्र के संकट मसलन बढ़ते डूबे कर्ज और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में नकदी के संकट, रोजगार सृजन, निजी निवेश, निर्यात में सुधार, कृषि क्षेत्र के संकट और सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के उपायों पर ध्यान देना होगा. नवगठित 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलेगा. आर्थिक समीक्षा 2019-20 चार जुलाई को पेश की जायेगी और अगले दिन बजट पेश होगा.

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