मुंबई : रिजर्व बैंक की ओर से गुरुवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.35 फीसदी की गैर-परंपरागत स्तर की कटौती करने की उम्मीद की जा रही है. आम तौर पर केंद्रीय बैंक 0.25 या 0.50 प्रतिशत की कटौती या वृद्धि करता है. विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर पर है, जिस वजह से केंद्रीय बैंक परंपरागत से हटकर ब्याज दरों में कुछ अधिक की कमी कर सकता है.
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वहीं, ज्यादातर विश्लेषकों की राय है कि रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की कटौती करेगा. वृद्धि दर की चिंता में केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में कटौती की उम्मीद जतायी जा रही है. मार्च की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 5.8 फीसदी पर आ गयी है, जो इसका पांच साल का निचला स्तर है. हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 2.92 फीसदी हो गयी.
बोफाएमएल के विश्लेषकों का मानना है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में 0.35 फीसदी की कटौती करेगा, जबकि मई महीने की मुख्य मुद्रास्फीति 3.3 फीसदी पर पहुंच जायेगी. हालांकि, यह सरकार द्वारा रिजर्व बैंक के लिए तय दो से छह प्रतिशत के लक्ष्य के भीतर ही है. रिपोर्ट में कहा गया कि नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद राजकोषीय घाटा और करेंसी के मोर्चे पर जोखिम कम हुआ है. इससे उम्मीद है कि ब्याज दरों में 0.25 फीसदी से अधिक की कटौती होगी.
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