मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों को देने के मोर्चे पर बैंकों की स्थिति की गुरुवार को सराहना करते दिखे. हालांकि, उन्होंने साथ में यह भी कहा है कि उन्हें रेपो रेट में कमी का लाभ ग्राहकों को अपेक्षाकृत अधिक ऊंचा और अधिक तेजी से देना चाहिए. इसके पहले दास इस मामले में बैंकों की मद्धिम चाल पर नाराजगी जताते रहे हैं.
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शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्वैमासिक समीक्षा में रेपो दर को 0.25 फीसदी घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है. लगातार तीन बार में केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती कर चुका है. दास ने यहां मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद परंपरागत संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले यह देखने में आया है कि रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचने में चार से छह महीने लगते हैं, लेकिन इस बार यह लाभ तेजी से स्थानांतरित होना चाहिए.
उन्होंने बताया कि बैंकों ने इससे पिछली दो मौद्रिक समीक्षाओं में ब्याज दर में 0.50 फीसदी कटौती में से 0.21 फीसदी का लाभ उपभोक्ताओं को दिया है. यह भारांकित औसत ऋण दर कटौती पर आधारित है. हालांकि, इसी दौरान पुराने कर्ज की लागत 0.04 फीसदी बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आगे चलकर उपभोक्ताओं को नीतिग कटौती का अधिक ऊंचा और अधिक तेजी से लाभ मिलेगा. गवर्नर ने कहा कि इसका प्रभाव उपभोक्ता और दोपहिया ऋण में मिल पायेगा.
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