Google leading tech spender on Lobbying : खबर वाशिंगटन से है. गूगल नीति निर्धारकों को प्रभावित करने के लिए लॉबीइंग पर सबसे अधिक खर्च करने वाली प्रौद्योगिकी कंपनी है.
पिछले साल गूगल ने इस मद में 2.17 करोड़ डॉलर की राशि व्यय की. एक मीडिया रपट में यह बात सामने आयी है. सीएनबीसी ने ‘सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स’ की एक रपट के हवाले से कहा कि हाल के वर्षों में प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा लॉबीइंग पर खर्च बढ़ा है.
सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स एक गैर-सरकारी और शोध संगठन है. यह चुनाव और लोकनीति पर धन और लॉबीइंग के प्रभाव पर नजर रखता है. रपट में कहा गया है कि निजता और बाजार नियंत्रण के सवाल पर अमेरिका नियामकों की ओर से प्रौद्योगिकी कंपनियों पर शिकंजा कसा है.
इसके चलते नीति निर्धारकों को प्रभावित करने के लिए उनकी ओर से लॉबीइंग पर खर्च बढ़ा है. रपट में कहा गया है कि अमेरिका में गूगल से ज्यादा कोई और कंपनी इस मद में इतना पैसा खर्च नहीं करती है.
सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स के अनुसार गूगल ने पिछले साल लॉबीइंग पर 2.17 करोड़ डॉलर व्यय किये, जबकि 2009 में यह खर्च मात्र 40 लाख डॉलर था.
रपट के अनुसार, गूगल लगातार दूसरे साल इस मद पर सबसे अधिक खर्च करने वाली काॅरपोरेट कंपनी रही है. यह पारंपरिक बोइंग और एटीएंडटी जैसी कंपनियों से अधिक है. अमेजन और फेसबुक ने भी 2018 में लॉबीइंग पर रिकॉर्ड खर्च किया है.
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