ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा, अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को कर्ज देने के लिए आगे आएं वित्तीय संस्थान
नयी दिल्ली : बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सोमवार को वित्तीय संस्थानों से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कर्ज सुलभ कराने को कहा. आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी. अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने देश में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र […]
नयी दिल्ली : बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सोमवार को वित्तीय संस्थानों से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कर्ज सुलभ कराने को कहा. आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी. अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने देश में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया.
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बयान के अनुसार, बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के लिये प्राथमिक क्षेत्र के तहत कर्ज की सीमा हटाने के बारे में आरबीआई के साथ बातचीत करेगा. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित होंगे और कंपनियों को आसानी से कर्ज मिलने में मदद मिलेगी.
बयान के अनुसार, सिंह ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को बिजली क्षेत्र से इतर एक अलग क्षेत्र में वर्गीकृत करने को कहा, ताकि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की परियोजनाओं को आसानी से कोष मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए मौजूदा शुल्क दरें व्यवहारिक हैं, क्योंकि दीर्घकाल में इस परियोजनाओं की रखरखाव लागत काफी कम है.
सिंह ने कहा कि समय के साथ अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी की लागत नीचे आ रही है, जबकि दूसरी तरफ दक्षता बढ़ रही है. यह कोई असामान्य बात नहीं है. अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि एसईसीआई (सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) जमीन के लिए राज्य सरकारों के साथ गठजोड़ करेगी.
सिंह ने कहा कि जमीन पट्टे पर ली जायेगी और इसीलिए भूमि के लिये कोई बयाना नहीं देना होगा. बयान के अनुसार, एसईसीआई बोली जारी करने के साथ पारेषण के लिए गठजोड़ करेगी. बैंकों तथा वित्तीय संस्थानाओं से सफल बोलीदाताओं को पूर्व निर्धारित दरों पर कर्ज की पेशकश करने के लिये एसईसीआई के साथ गठजोड़ करने को कहा गया है.
बैठक में अक्षय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी के मामले में राजस्व विभाग से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के सामने उपयुक्त प्रस्ताव रखने का आग्रह किया गया. बैठक में प्रतिकूल कर व्यवस्था (जहां आयातित माल की तुलना में देश में विनिर्मित सामान पर कर अधिक होता है) पर चर्चा हुई. बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुल्क ढांचे में सुधार समेत हर संभव कदम उठाये जाने की जरूरत है.
बैठक में घरों में सौर ऊर्जा खाना पकाने को बढ़ावा देने की पायलट परियोजना शुरू करने पर भी चर्चा हुई. बैठक में सिंह के अलावा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव, मंत्रालय, आर्थिक मामलों के विभाग, व्यय विभाग, वित्तीय सेवा विभाग, राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सार्वजनिक और निजी बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
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