नयी दिल्ली : डिजिटल संचार आयोग बृहस्पतिवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के साथ बैठक करने वाला है. इसमें स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले दौर पर ट्राई के सुझावों पर चर्चा की जा सकती है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. स्पेक्ट्रम नीलामी के अगले दौर में 5जी सेवाओं के रेडियो बैंड भी शामिल हैं. ऊंचे बैंड की फ्रीक्वेंसी जैसे 3.5 गीगाहर्ट्ज के बैंड को 5जी सेवाओं के लिए उपयुक्त माना जाता है. ट्राई ने 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए देश भर में प्रति मेगाहर्ट्ज 492 करोड़ रुपये की आधार दर का सुझाव दिया है.
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एक अधिकारी ने कहा कि आयोग चर्चा में 5जी परीक्षण के लिए प्रस्तावित तरीकों को भी शामिल कर सकता है. इससे कंपनियों को देश में अगली पीढ़ी की सेवाओं की पहचान करने तथा उनका परीक्षण करने का अवसर मिल सकेगा. अधिकारी ने कहा कि आयोग नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क शुरू करने से संबंधित परियोजनाओं, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में सैटेलाइट बैंडविथ को मौजूदा दो गीगाबिट प्रति सेकंड से बढ़ाकर चार गीगाबिट प्रति सेकंड करने तथा जिला स्तर पर परिचालन के लिये नये दूरसंचार लाइसेंस आदि पर भी चर्चा कर सकता है. आयोग 10 नक्सल प्रभावित राज्यों में 4,072 मोबाइल टावर लगाने तथा बीएसएनएल और एमटीएनएल जैसी सरकारी कंपनियों को राहत देने पर भी विचार कर सकता है.
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