सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर कसा नकेल, अब समय पर देनी होगी लोन डिफॉल्ट की जानकारी
नयी दिल्ली : पूंजी बाजार नियामक सेबी गुरुवार को साख निर्धारण एजेंसियों के लिए सार्वजनिक सूचना के कड़े नियम जारी किये, जिनके तहत उन्हें रेटिंग वाले विभिन्न वित्तीय उत्पादों के लिए चूक की संभाव्यता के बारे में जानकारी देनी होगी. रेटिंग कंपनियों को ऋण चूक की निगरानी और उसकी समय से सूचना के बारे में […]
नयी दिल्ली : पूंजी बाजार नियामक सेबी गुरुवार को साख निर्धारण एजेंसियों के लिए सार्वजनिक सूचना के कड़े नियम जारी किये, जिनके तहत उन्हें रेटिंग वाले विभिन्न वित्तीय उत्पादों के लिए चूक की संभाव्यता के बारे में जानकारी देनी होगी. रेटिंग कंपनियों को ऋण चूक की निगरानी और उसकी समय से सूचना के बारे में एक जैसी ‘मानक परिचालन प्रक्रिया’ लागू करनी होगी और उसे अपनी कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित करना होगा.
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नियामक ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब कर्ज लौटाने में चूक के मामले तथा साख निर्धारण एजेंसियों की जोखिम संभाव्यता का आकलन करने की भूमिका को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. आईएलएंडएफएस मामले में साख निर्धारण एजेंसियां जांच के घेरे में हैं. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चूक की निगरानी और समय पर उसका पता लगाने के संदर्भ में साख निर्धारण एजेंसियों के लिए खुलासा का दायरा बढ़ाते हुए एक समान मानक परिचालन प्रक्रिया पर जोर दिया है. इस बारे में प्रत्येक क्रेडिट रेटिंग की वेबसाइट पर जानकारी देनी होगी.
इसके अलावा, एजेंसियों को चूक मानकों को संभाव्यता मानकों के दायरे में लाना होगा. इसमें कहा गया है कि सीआरए जो भी वित्तीय उत्पादों का साख निर्धारण करती हैं, उनके बारे में मानकीकृत तथा एक समान चूक संभाव्यता मानदंडों की घोषणा वे अपनी वेबसाइट पर करें. उन्हें यह 31 दिसंबर, 2019 तक करना है.
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