सरकार ने ESI अंशदान को घटाकर 4 प्रतिशत किया

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) के स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम में नियोक्ता एवं कर्मचारियों के कुल अंशदान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का फैसला किया है. इससे 12.85 लाख नियोक्ताओं को हर साल 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी एवं 3.6 करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे. श्रम मंत्रालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2019 10:00 PM

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) के स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम में नियोक्ता एवं कर्मचारियों के कुल अंशदान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का फैसला किया है.

इससे 12.85 लाख नियोक्ताओं को हर साल 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी एवं 3.6 करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे. श्रम मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक घटी हुई दरें इस साल एक जुलाई से प्रभावी होंगी.

मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा है, सरकार ने ईएसआई कानून के अंतर्गत एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अंशदान की दर 6.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत (नियोक्ता का अंशदान 4.75 प्रतिशत से घटाकर 3.25 प्रतिशत और कर्मचारी का अंशदान 1.75 प्रतिशत से घटाकर 0.75 प्रतिशत) करने का फैसला किया है.

करीब 12.85 लाख नियोक्ताओं और 3.6 करोड़ कर्मचारियों ने वित्त वर्ष 2018-19 में ईएसआई योजना में 22,279 करोड़ रुपये का अंशदान किया. ऐसे में आकलन किया जाए तो यह बात निकलकर समझ में आती है कि अंशदान की दर में कमी से इन कंपनियों को सालाना कम-से-कम 5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को बहुत राहत मिलेगी तथा इससे और अधिक कामगारों को ईएसआई योजना के अंतर्गत नामांकित कर पाना तथा ज्यादा से ज्यादा श्रमिक बल को औपचारिक क्षेत्र के अंतर्गत लाना सुगम हो सकेगा.

कर्मचारी राज्य बीमा कानून, 1948 (ईएसआई कानून) इस कानून के अंतर्गत बीमित व्यक्तियों को चिकित्सा, नकदी, मातृत्व, निशक्तता और आश्रित होने के लाभ प्रदान करता है. ईएसआई कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा प्रशासित है.

ईएसआई कानून के अंतर्गत उपलब्ध कराये जाने वाले लाभ नियोक्ताओं और कर्मचारियों द्वारा किये गए अंशदान के माध्यम से वित्त पोषित होते हैं.

सरकार ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज अधिक से अधिक लोगों को देने के लिए दिसंबर, 2016 से जून, 2017 तक नियोक्ता और कर्मचारियों के विशेष पंजीकरण का कार्यक्रम शुरू किया और योजना का करवेज लाभ विभिन्न चरणों में देश के सभी जिलों तक बढ़ाने का फैसला किया.

कवरेज में वेतन की सीमा 1.1.2017 से 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रति माह कर दी गई.

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