नयी दिल्ली : दूरसंचार विभाग के लिए निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) ने सोमवार को रिलायंस जियो को प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्शन नहीं उपलब्ध कराने के लिए वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल पर जुर्माना लगाने की मंजूरी दी. हालांकि, आयोग ने जुर्माना लगाने से पहले दूरसंचार नियामक ट्राई की ओर से कंपनियों पर लगाये गये जुर्माने में संशोधन करने पर नियामक से विचार मांगने का फैसला किया है.
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि डिजिटल संचार आयोग ने कंपनियों पर जुर्माना लगाने की मंजूरी दे दी है. आयोग ने रिलायंस जियो के ग्राहकों को गुणवत्तापरक सेवा देने में नाकाम रहने के प्रस्ताव पर असहमति जतायी है। एक प्रमुख मंत्रालय के सचिव ने कहा था कि जुर्माना रिलायंस जियो पर भी लगना चाहिए. उनका कहना था कि क्या प्राथमिक लाइसेंसधारक की ओर से गुणवत्तापरक सेवा की जिम्मेदारी किसी और पर डाली जा सकती है. हालांकि, आयोग के सदस्य जियो पर जुर्माना लगाने के विचार पर सहमत नहीं थे.
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सूत्र ने कहा कि आयोग ने रिलायंस जियो को इंटरकनेक्शन नहीं देने पर भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया पर जुर्माना लगाने को मंजूरी दी है. हालांकि, दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय संकट को देखते हुए जुर्माने की राशि में संशोधन पर ट्राई का विचार लेने का फैसला किया है. भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अक्टूबर, 2016 में जियो को कथित रूप से इंटरकनेक्टिविटी देने से मना करने पर एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया पर कुल 3,050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
ट्राई की ओर से एयरटेल और वोडाफोन पर 1,050-1050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जबकि आइडिया पर करीब 950 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. चूंकि, अब वोडाफोन-आइडिया के कारोबार का विलय हो चुका है. इसलिए, नयी कंपनी वोडाफोन-आइडिया को दोनों कंपनियों के जुर्माने का बोझ उठाना होगा.
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