भारत-अमेरिका के ट्रेड वार की फिकर में दुबला हुआ बाजार, 491 अंक टूटा सेंसेक्स

मुंबई : अमेरिकी सामानों के खिलाफ जवाबी प्रशुल्क लगाने की भारत की कार्रवाई से व्यापार युद्ध भड़कने की आशंका से बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 491 अंक से अधिक का गोता लगा गया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 151 अंक से अधिक टूटा. पश्चिम एशिया में ताजा भू-राजनीतिक तनाव और मानसून की प्रगति को लेकर चिंता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2019 5:42 PM

मुंबई : अमेरिकी सामानों के खिलाफ जवाबी प्रशुल्क लगाने की भारत की कार्रवाई से व्यापार युद्ध भड़कने की आशंका से बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 491 अंक से अधिक का गोता लगा गया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 151 अंक से अधिक टूटा. पश्चिम एशिया में ताजा भू-राजनीतिक तनाव और मानसून की प्रगति को लेकर चिंता से भी निवेशकों के मनोबल पर असर पड़ा है. धातु कंपनियों के शेयरों वाला बीएसई-धातु सूचकांक 3 फीसदी से अधिक टूटा. ऊर्जा शेयरों में भी 2 प्रतिशत की गिरावट रही.

सेंसेक्स के शेयरों में टाटा स्टील 5 फीसदी से अधिक अधिक हानि में रहा. नुकसान में रहे अन्य शेयरों में वेदांता, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, भारती एयरटेल, रिलायंस, ओएनजीसी, सन फार्मा, मारुति और एलएंडटी शामिल हैं. इनमें 3.33 फीसदी तक की गिरावट आयी. यस बैंक, कोल इंडिया और इन्फोसिस में तेजी आयी. बीएसई सेंसेक्स 491.28 अंक यानी 1.25 फीसदी की गिरावट के साथ 38,960.79 अंक पर पहुंच गया. कारोबार के दौरान यह नीचे में 38,911.49 तथा ऊंचे में 39,540.42 अंक तक गया.

इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 151.15 अंक यानी 1.28 फीसदी की गिरावट के साथ 11,672.15 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह नीचे में 11,657.75 तथा ऊंचे में 11,844.05 अंक तक गया. इस्पात और एल्युमीनियम जैसे भारतीय उत्पादों पर अमेरिका के आयात शुल्क बढ़ाने के बाद भारत ने बादाम, दाल और अखरोट समेत 28 अमेरिकी उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाया है.

सैंकटम वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि मानसून में देरी निवेशकों के लिए चिंता का विषय है. इस कारण भारतीय बाजारों में गिरावट जारी रही. दोबारा व्यापार युद्धत बढ़ने और उसका भारत पर प्रभाव से भी बाजार पर असर पड़ा. विश्लेषकों का अनुमान है कि सकारात्मक घरेलू कारकों के अभाव में बाजार भू-राजनीतिक गतिविधियों, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता और फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के बारे में निर्णय जैसे कारकों से प्रभावित होगा.

एशिया के अन्य बाजारों में सियोल शेयर बाजार नुकसान में रहे. वहीं, शंघाई, हांगकांग और तोक्यो के बाजारों में तेजी रही. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी रही.

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