रांची : भारत की डिजिटल होती अर्थव्यवस्था (Digital Economy) में सिक्कों (Coins) की भरमार से लोग परेशान हैं. बाजार में सिक्कों (Coins) की आवक थम नहीं रही और बैंक इन सिक्कों को ग्राहकों से लेने के लिए तैयार नहीं. इससे छोटे कारोबारी से लेकर कॉर्पोरेट कंपनियां तक परेशान हैं. बात झारखंड के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची, तो देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के अधिकारियों ने केंद्र सरकार तक को गुमराह कर दिया.
झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में मीडिया व्यवसाय से जुड़ी कंपनी न्यूट्रल पब्लिशिंग हाउस लिमिटेड (Neutral Publishing House Limited) के चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर (CFO) आलोक पोद्दार के एसबीआइ (SBI) के अधिकारियों, झारखंड सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के साथ हुए पत्राचार से इसका खुलासा हुआ है. बैंक की दो चिट्ठियों में अलग-अलग तथ्य हैं. एक में बैंक कहता है कि सिक्कों की समस्या है. इस संबंध में उसने आरबीआइ से बात की है और ग्राहक भी केंद्रीय बैंक को इस समस्या से अवगत करायें. वहीं, दूसरी प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखी चिट्ठी में बैंक कहता है कि कोई समस्या ही नहीं है.
आलोक पोद्दार की शिकायत है कि एसबीआइ (SBI) की कोकर (Kokar) स्थित एसएमइ शाखा (SME Branch) सिक्के जमा लेने से इन्कार कर रही है. यह प्रधानमंत्री कार्यालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और भारत सरकार के कानून का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है. उन्होंने बैंक के अधिकारियों से बार-बार आग्रह किया, लेकिन, समस्या दूर नहीं हुई. परेशान होकर श्री पोद्दार ने झारखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) से इसकी शिकायत की.
सीएमओ के निर्देश पर झारखंड सरकार के योजना सह वित्त विभाग के अवर सचिव ने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India), रांची को 24 दिसंबर, 2018 को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच करने और समस्या का समाधान करने के निर्देश दिये. उधर, एसबीआइ (BSI) ने एनपीएचएल (NPHL) के सीएफओ को चिट्ठी लिखकर बैंक की स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की.
आलोक पोद्दार को संबोधित पत्र में बैंक के जेनरल बैंकिंग सेक्शन रांची के डिप्टी जेनरल मैनेजर ने लिखा कि उनकी करंसी चेस्ट (Currency Chest) में सिक्के रखने की जगह नहीं है. उनके पास पहले से ही भारी संख्या में सिक्के (Coins) भरे पड़े हैं. बैंक ने केंद्रीय बैंक से आग्रह किया गया है कि उनकी शाखा से सिक्कों का उठाव करने की व्यवस्था की जाये.
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डीजीएम ने यह भी कहा कि वह (आलोक पोद्दार) भी अपने स्तर से रिजर्व बैंक को इस स्थिति से अवगत करायें और आग्रह करें कि सिक्कों (Coins) के उठाव की प्रक्रिया में तेजी लायी जाये. जनवरी, 2019 में हुए इस पत्राचार के बाद पटना स्थित एसबीआइ के महाप्रबंधक (नेटवर्क-2) के सचिवालय ने जून, 2019 में श्री पोद्दार को एक और पत्र लिखा.
जीएम ने उन्हें बताया कि बैंक ने उनकी समस्या का समाधान करने की पहल की है. साथ ही बैंक ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को सूचित किया कि एसबीआइ की एसएमइ शाखा ने सिक्के लेने से कभी इन्कार नहीं किया.
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बैंक ने पीएमओ को बताया कि कंपनी ने उनकी शाखा के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है. कंपनी की शिकायत रांची स्थित बैंक की अन्य शाखाओं और किसी अन्य बैंक से संबंधित है, जिसमें एनपीएचएल का अकाउंट है. उधर, आलोक पोद्दार ने एक बार फिर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है कि उनकी समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है.
उल्लेखनीय है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी माना है कि सिक्कों की समस्या लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा है कि 21 जून को होने वाली बजट पूर्व बैठक में वह इस मुद्दे को उठायेंगे. श्री मोदी ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए ठोस रणनीति पर विचार किया जायेगा.
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